Madhya Pradesh

अभा साहित्य परिषद भोपाल इकाई का वार्षिक अलंकरण एवं सर्वभाषा सम्मान समारोह सम्पन्न

अभा साहित्य परिषद भोपाल इकाई का वार्षिक अलंकरण एवं सर्वभाषा सम्मान समारोह
अभा साहित्य परिषद भोपाल इकाई का वार्षिक अलंकरण एवं सर्वभाषा सम्मान समारोह

– कार्यक्रम में साहित्यकारों का किया गया सम्मान

भोपाल, 8 दिसम्‍बर (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय साहित्य परिषद भोपाल इकाई का वार्षिक अलंकरण एवं सर्वभाषा सम्मान समारोह रविवार को भोपाल के पॉलीटेक्निक चौराहा स्थित पॉलीटेक्निक महाविद्यालय सभागार में सम्पन्न हुआ। आयोजन में अध्यक्षता श्रीधर पराड़कर, वरिष्ठ साहित्यकार चिंतक,विचारक, राष्ट्रीय संगठन मंत्री अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने की। विशिष्ट अतिथि ऋषिकुमार मिश्र, वरिष्ठ साहित्यकार एवं राष्ट्रीय महामंत्री अखिल भारतीय साहित्य परिषद थे एवं सारस्वत अतिथि ऋषिका आहूजा, युवा उद्यमी थीं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्था और संगठन में अंतर होता है संस्थाएं कार्यक्रम आयोजित करती है जबकि संगठन जोड़ने का कार्य करता है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद एक संगठन है जो जोड़ने का कार्य करता है। आज साहित्यकारों का सम्मान उसी दिशा में उठाया हुआ एक कदम है। रचनात्मकता के क्षेत्र में संलग्न सभी परस्पर जुड़ें, एक दूसरे की योग्यता को पहचाने, सम्मान दें, एकजुट हों और समाज का अच्छा संदेश दें। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि साहित्यकारों को अपने लेखन की दिशा एवं दशा का ज्ञान होना चाहिए कि वे क्यों लिख रहे हैं, और क्या लिख रहे हैं। साथ ही अपनी भाषा का शब्द भंडार समृद्ध होना चाहिए जिससे भाषा की शुद्धता बनी रहे।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ऋषिकुमार जी ने कहा कि साहित्यकार नेपथ्य में रहकर साहित्य सेवा करते हैं। हम सब एक होकर काम करेगें तो बैचारिक व सामाजिक ओर से सुदृढ बने रहेगें। सारस्वत अतिथि युवा उद्यमी ऋषिका आहूजा ने भोपाल इकाई द्वारा साहित्य के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की सराहना की और विभिन्न भाषाओं और बोलियों के क्षेत्र में किये गए साहित्यकारों के सम्मान को परिषद का उत्कृष्ट कार्य बताया।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद भोपाल इकाई की अध्यक्ष डॉ नुसरत मेहदी ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि स्वागत है उन सभी विभूतियों का जो परिषद के उस मूल से जुड़े हैं कि परिषद केवल एक संगठन ही नहीं है बल्कि एक विचार है। यहां कोई व्यक्ति विशेष नहीं, सभी केवल कार्यकर्ता हैं। हम सभी का उद्देश्य साहित्य के माध्यम से देश, समाज और राष्ट्रहित में मुद्दों पर एकजुट होकर कार्य करना है। इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद की राष्ट्रीय मंत्री और निराला सृजनपीठ की निदेशक डॉ साधना बलवटे की गरिमामय उपस्थिति भी रही।

इन साहित्यकारों को मिला सम्‍मान

मदनमोहन समर को मनमोहन मदारिया स्मृति कथा-सम्मान, डॉ. रंजना शर्मा को जगदीश मेहता स्मृति बाल साहित्य सम्मान, डॉ. निलिम्प त्रिपाठी को डॉ वी डी अधिकारी स्मृति संस्कृत सेवी सम्मान, डॉ राजश्री रावत को डॉ रमेशचन्द्र मिश्रा स्मृति ग़ज़ल सम्मान, मांडवी सिंह को डॉ मीना नकवी स्मृति सम्मान, सुभाष दुबे को श्री श्री1008, परशुराम दास जी स्मृति सेवा सम्मान, डॉ जीवन एस रजक को उत्कृष्ट साहित्य सृजन सम्मान, डॉ कुमकुम गुप्ता को उत्कृष्ट साहित्य सृजन सम्मान, आनंद सक्सेना को पाण्डुरंग बलवटे स्मृति पत्रकारिता सम्मान, कुलदीप सिंह भदौरिया को पाण्डुरंग बलवटे पत्रकारिता सम्मान, रितु सक्सेना को कुसुम बलवटे पत्रकारिता सम्मान से अलंकृत किया गया। इसके साथ ही यतीन्द्र नाथ राही, श्याम बिहारी सक्सेना, कुलतार कौर कक्कर, गौरीशंकर शर्मा गौरीश को दीर्घ साहित्य सेवा सम्मान दिया गया।

इनको मिला सर्वभाषा सम्मान

मराठी भाषा के लिए विवेक सावरीकर, सिन्धी के लिए अशोक मनवानी, निमाड़ी के लिए बसंत निर्गुणे, कोरकू के लिए डॉ महेशचंद्र शांडिल्य, बुंदेली के लिए किशन तिवारी, बघेली के लिए ललित व्यास पाण्डेय, उर्दू के लिए बद्र वास्ती को सर्वभाषा सम्‍मान दिया गया है।

उपरोक्त के अतिरिक्त अखिल भारतीय साहित्य परिषद भोपाल इकाई द्वारा माह सितम्बर 2024 में कुटुम्ब प्रबोधन पर कहानी प्रतियोगिता भी आयोजित कराई गई थी। जिसके विजेताओं को भी इस अवसर पर पुरस्कृत किया गया।

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत

Most Popular

To Top