झाबुआ, 7 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जिला पंचायत स्थित नवीन सभा कक्ष में शनिवार को हम होंगे कामयाब अभियान अतंर्गत कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम 2013 पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उप पुलिस अधीक्षक महिला सुरक्षा शाखा गिरीश कुमार जेजुरकर, जिला संयोजक जन जातीय कार्य विभाग अनामिका रामटेके, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग वर्षा चौहान, वन स्टॉप सेंटर प्रशासक लीला परमार, ए. पी.सी. सीमा चौहान सहित विभिन्न विभागों से आंतरिक परिवाद समिति के अध्यक्ष व सदस्य शामिल हुए।
कार्यशाला में प्रशिक्षक ए.डी.पी.ओ मनीषा मुवेल द्वारा विस्तृत रूप से अधिनियम के बारे में प्रकाश डाला गया। सहायक संचालक वर्षा चौहान द्वारा कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा गया कि जिला कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशानुसार समस्त कार्यालयों में महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण निर्माण हेतु कार्यालय में लैंगिक उत्पीड़न के प्रकरण के निराकरण के लिए आंतरिक परिवार समिति का गठन किया जाना अनिवार्य है। जिन भी कार्यालय में समिति का गठन नहीं किया गया है अथवा गठित समिति का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है वे अनिवार्यतः समिति का गठन कर महिला बाल विकास के जिला कार्यालय में जानकारी भेजे। साथ ही उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सम्मान व सुरक्षा प्रदान करना है ताकि हर क्षेत्र में महिलाए अपनी क्षमताएं दिखा सके।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला संयोजक जनजाति कार्य विभाग अनामिका रामटेके ने कहा कि कई बार महिला कर्मी अपने साथ हुए लैंगिक उत्पीड़न के बारे में इस डर से शिकायत दर्ज नहीं करवाती है कि कार्यालय नियोक्ता कार्यालय के माहौल को ऐसा बना देता है कि जिससे कार्य करना मुश्किल हो जाए या महिला को रोजगार में नुकसान पहुंचे, किंतु ऐसा करना गलत है। यदि महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न की घटना होती है तो उन्हें आवाज उठाना चाहिए। सभी समिति को चाहिए कि अधिनियम के बारे में अपने कार्यालय में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करे ताकि महिलाए अपने अधिकार जाने और आगे आए।
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(Udaipur Kiran) / उमेश चंद्र शर्मा