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पॉश एक्‍स की वजह से कार्यस्‍थल पर महिलाओं का आत्‍मविश्‍वास बढ़ा : राजीव रंजन

पॉश एक्‍स की वजह से कार्यस्‍थल पर महिलाओं का आत्‍मविश्‍वास बढ़ा: राजीव रंजन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राजीव रंजन प्रसाद
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राजीव रंजन प्रसाद

नई दिल्ली, 07 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने शनिवार को कहा कि पॉश एक्‍स की वजह से कार्यस्‍थल पर महिलाओं का आत्‍मविश्‍वास बढ़ा है। डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने पॉश एक्ट के क्रियान्वयन, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम, जागरूकता बढ़ाने, सुरक्षित, स्वस्थ और खुशहाल कार्यस्थल बनाने के लिए ट्रेनिंग देने वाली अग्रणी संगठन पिंक एंड ब्लू के 5वें वार्षिक पॉश कॉन्क्लेव और पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।

डॉ. प्रसाद ने राष्‍ट्रीय राजधानी नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय में आयोजित 5वें वार्षिक पॉश कॉन्क्लेव और पुरस्कार समारोह का बतौर मुख्‍य अति‍थि उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में सभी राजनीतिक दलों, केंद्र एवं राज्य सरकारों से अपील किया कि महिलाओं के लिए कार्यस्थल सुरक्षित बनाए जाने के लिए सभी निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में पॉश एक्ट को लागू करने की व्यवस्था की पहल करें। इस दौरान उन्होंने पॉश ट्रेनर्स को अवार्ड से सम्मानित किया।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि और आईसीएसआई के पूर्व अध्यक्ष सीएस नेसार अहमद ने महिलाओं से बोलने का आग्रह करते हुए कहा, हमें ऐसी जगहें बनानी चाहिए जहां महिलाएं अपने अनुभव साझा करने के लिए सशक्त महसूस करें। उन्‍होंने कहा कि हम साथ मिलकर यौन उत्पीड़न के आसपास की चुप्पी को खत्म कर सकते हैं। अहमद ने इस कानून की प्रासंगिकता पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता पिंक एंड ब्लू की अध्यक्ष रितु गोयल कार्यक्रम का संचालन महासचिव अवनीश श्रीवास्तव एवं धन्यवाद ज्ञापन सुश्री सुनीता रंजन ने किया। इस अवसर पर जदयू के राष्ट्रीय सचिव निसार अहमद भी उपस्थित थे।

कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के विरुद्ध संरक्षण प्रदान करने तथा यौन उत्पीड़न की शिकायतों की रोकथाम और निवारण तथा उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम अस्तित्व में आया है। मौजूदा प्रावधान के तहत भारतीय दण्ड संहिता धारा 354 के तहत छेड़छाड़ मामले में दोषी पाये जाने पर अधिकतम पांच साल तथा कम-से-कम एक साल की सजा का प्रावधान किया गया है तथा इसे गैर-जमानतीय अपराध बनाया गया है । पार्ट-1 के तहत केस दर्ज किया जाता है।

उल्‍लेखनीय है कि चैंबर ऑफ प्रोफेशनल्स (सीओपी) की एक पहल पिंक एंड ब्लू-सिंबियोटिक लिविंग ने पिछले पांच साल इसका आयोजन और संचालन कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम एवं पॉश के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित, स्वस्थ और खुशहाल कार्यस्थल बनाने के लिए करती आ रही है। इस समारोह में 100 से अधिक अधिवक्ताओं, कंपनी सचिवों, उद्यमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। पिंक और ब्लू-सिंबियोटिक लिविंग के बारे में जानकारी के लिए [email protected] पर संपर्क करे सकते हैं।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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