कोलकाता, 07 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मुर्शिदाबाद जिले में हुई एक दर्दनाक घटना के मामले में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। पत्नी की गोद से सात माह की बच्ची को छीनकर तालाब में फेंकने वाले पिता को अदालत ने उम्रकैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला लालबाग के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय के न्यायाधीश ऋषि कुशारी ने सुनाया।
मामला 25 नवंबर 2019 का है, जब रानीतला थाना क्षेत्र के जीवनपुर दासपाड़ा गांव में यह घटना हुई थी। आरोपित, आलमामुन हक, ने अपनी सात माह की बेटी को पत्नी महिमा बीबी की गोद से छीनकर तालाब में फेंक दिया।
महिमा बीबी ने बताया कि घटना के समय उन्होंने चिल्लाकर मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद पड़ोसियों ने बच्ची को तालाब से बाहर निकाला। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। बच्ची को पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
महिमा बीबी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि गर्भावस्था के दौरान ही आलमामुन ने चेतावनी दी थी कि यदि बच्ची पैदा हुई तो वह उसे मार देगा। बच्ची के जन्म के बाद से ही उसने अपनी पत्नी और बेटी के साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया।
घटना के बाद महिमा बीबी की शिकायत पर रानीतला पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया। इस मामले में कुल 15 लोगों की गवाही हुई। गवाही और सबूतों के आधार पर अदालत ने आलमामुन को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही, 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना न देने पर तीन महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। यह फैसला न केवल न्याय की मिसाल है, बल्कि समाज के लिए एक संदेश भी कि मासूमों पर अत्याचार करने वालों को सख्त सजा मिलेगी।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर