-महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में छात्रो दिया गोल्ड मेडल
पूर्वी चंपारण,07 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कहा कि सत्य, अहिंसा की इसी भूमि से गांधी जी के सत्याग्रह और आजादी के हवन में यहां की आहुति ने देश में बड़ा बदलाव लाया। धनखड़ ने कहा कि चम्पारण की धरती पर जो भी आयेगा, राष्ट्रवाद एवं राष्ट्र धर्म की भावना से ओत-प्रोत हो जायेगा।
धनखड़ ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है, मै यहां आया हूं । यह सामाजिक न्याय की भी भूमि है। उन्होने छात्रों को सलाह दिया कि नदी में भी खड़ा होने के लिए कदमताल की आवश्यकता होती है। बच्चा गिरकर ही सिखता है। जो झटका हमलोगों कों लगा, आज वह स्थिति नहीं है। नई शिक्षा नीति से देश में व्यापक बदलाव हो रहा है। भारत आज सिरमौर है। अर्थव्यवस्था में छलांग लगा रहा है। जिन देशो ने यहां राज किया, वे पीछे है।
धनखड़ ने कहा कि जर्मनी, जापान आदि देश भी अब पीछे रह जायेंगे। इसमे युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। 2047 में विकसित भारत का लक्ष्य निर्धारित है, मैं तो नहीं रहूंगा, आप सब छात्र इसके कर्णधार होंगे।
उन्होने राज्यपाल की उक्ति को दोहराते हुए कहा कि ये दीक्षांत है, शिक्षांत नही, क्योंकि शिक्षा का कोई अंत नहीं है। कुलपति को सलाह दिया कि पुराने छात्रों एसोसियशन बनाईये, और हमारे कार्यालय से प्रथम चिढ्ठी निकलेगी, कि एक निश्चित राशि सभी छात्र-छात्राएं जमा करेंगे, जिसका संदेश विश्व में जायेगा। उन्होने संसद भ्रमण के लिए अपने आतिथ्य में कुलपति से छात्रों को भेजने को कहा। गांधी जी का सपना था कि भ्रष्टाचार खत्म हो। फलस्वरूप एक दशक से बिचैलिया प्रथा गायब है।
धनखड़ ने कहा कि बिहार कई मायनों में काफी अच्छा कर रहा है। विकास से लेकर लॉ एंड आर्डर के मामले में बेहतर है। उन्होने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि वे केन्द्र में मेरे साथ मंत्री हुआ करते थे, उनमें बिहार के विकास की लालसा थी, वे हालात के बदलाव के साकारात्मक केन्द्र है। सो अब पूरा हो रहा है। शिक्षा के क्षेत्र बिहार विकसित हो रहा है। नालंदा जो खत्म हो रहा था, आज काफी अच्छा हो गया है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि 140 करोड वाले देश में विकसित भारत के लिए पीएम का आह्वान था, एक पेड़ मां के नाम, जिसका निर्वहन हमने भी किया है। उन्होने छात्रों को भी पर्यावरण के लिए एक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया।
इसके पूर्व राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा की सभागार मे उपस्थित सभी लोग बधाई के पात्र है। आज उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों का दीक्षांत हो रहा है, शिक्षांत नही। शिक्षा से हर व्यक्ति,को हर चुनौतियों से लड़ने की क्षमता प्राप्त होगी। शिक्षा आप सभी के व्यक्तित्व का निर्माण करेगा तो ही राष्ट्र का निर्माण संभव हो पाएगा।
सांसद सह पूर्व केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने सभी उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई व मंगलकामना दिया। कहा, यह दीक्षांत समारोह चंपारण के लिए गर्व का विषय है, जो इतनी भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत व समर्पण का फल आज उन्हें मिल रहा है। विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय के प्राण व धुरी हैं। भले आज यहां से उपाधि प्राप्त करके जा रहे हैं लेकिन उनका संबंध विश्वविद्यालय से सदैव रहेगा। छात्रों की प्रसिद्धि से विश्वविद्यालय की भी प्रसिद्धि मिलेगी।उन्होने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन का हर दिन सीखने का अनुभव होगा और हर दिन नई परीक्षा देनी होगी। भविष्य में जब भी विद्यार्थी विश्वविद्यालय आए तो सफल होकर आये।
इस अवसर पर
121 स्नातक छात्र, 265 स्नातकोत्तर व 47 पीएचडी समेत 433 छात्रों डिग्रीयां दी गई।जबकि स्वर्णपदक पाने वालो में अंजली सिंह, सुनीधी, श्वेता सिंह, राहुल राजेश गुप्ता, हेमंत बम्र्मन, हिमांशु रंजन, नवीन कुमार एवं मानवी भार्गव का नाम शामिल है।कार्यक्रम में आगत अतिथियो का स्वागत कुलपति प्रो.संजीव श्रीवास्तव ने किया जबकि मंच संचालन डा.श्वेता ने किया।
(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार