श्रीनगर, 07 दिसंबर (Udaipur Kiran) । राजभवन और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के कार्यालय के बीच किसी भी तरह की खींचतान नहीं है। इस तरह की खबरों का खंडन करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता और विधायक जदीबल तनवीर सादिक ने शनिवार को कहा कि दुर्भावनापूर्ण इरादे वाले तत्व जनता में अराजकता और भ्रम पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
तनवीर सादिक ने कहा कि जम्मू और कश्मीर अभी केंद्र शासित प्रदेश है लेकिन साथ ही हमारे पास एक निर्वाचित सरकार है जिसे बिना किसी बाधा के मामलों को चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
जब उनसे जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल कार्यालय और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार के बीच टकराव की खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने नाम लिए बिना कहा कि ये वे तत्व हैं जो उपराज्यपाल कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच अराजकता पैदा करना चाहते हैं। वे किसी तरह दोनों के बीच समस्याएँ पैदा करना चाहते हैं।
तनवीर ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के मुख्य प्रवक्ता होने के नाते मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूँ कि उपराज्यपाल कार्यालय और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार के बीच कोई दरार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर दोनों के बीच कोई आंतरिक मुद्दा है तो उसे सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर में दोहरी सत्ता प्रणाली नहीं चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार है। इसके अस्तित्व में आने के बाद से सब कुछ सकारात्मक दिशा में चल रहा है। उन्होंने दोहराया कि हमें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर को जल्द ही राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा ताकि सत्ता का केंद्र एक ही स्थान पर हो और सरकार को एक ही कार्यालय से लोगों की सेवा करने की अनुमति मिले।
उन्होंने कहा कि मनोनीत लोग आम लोगों की सेवा नहीं कर सकते बल्कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के पास लोगों की वास्तविक अर्थों में सेवा करने का संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि उपराज्यपाल प्रशासन और अधिकारी इस बात को ध्यान में रखेंगे कि जल्द या बाद में राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा, इसलिए उन्हें लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के निर्देशों का पालन करना चाहिए।
जब नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) द्वारा अपने घोषणापत्र में किए गए वादों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आम लोगों के दैनिक जीवन से जुड़े मुद्दों पर निर्णय जल्द ही सार्वजनिक करेंगे। चाहे गैस सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने का मामला हो या मुफ्त बिजली का, आने वाले महीनों में फैसला लिया जाएगा। हम अपने लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अपने लोगों को पर्याप्त और निर्बाध बिजली आपूर्ति चाहते हैं। हमने इस साल अक्टूबर में अपने घोषणापत्र में इन बातों का उल्लेख किया था और मुझे उम्मीद है कि फरवरी या मार्च 2025 तक ये जरूरी मुद्दे हल हो जाएंगे।————
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह