Uttar Pradesh

वाराणसी : अंतर्राष्ट्रीय खादी पुस्तक का अनावरण, जरदोज़ी कारीगरों ने लिखी

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—बीएचयू भारत कला भवन में त्रिदिवसीय प्रदर्शनी, कई राज्यों से कारीगर हुए शामिल

वाराणसी,07 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के भारत कला भवन संगोष्ठी कक्ष में शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय खादी पुस्तक का अनावरण व त्रिदिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ। भारत कला भवन और ताना बाना ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रदर्शनी 09 दिसम्बर तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी। ट्रस्ट की प्रमुख कहकशां खान ने बताया कि खादी पुस्तक देश भर के खादी निर्माता, किसानों और कारीगारों के सहयोग से लिखी गई पहली ऐसी पुस्तक है जाे खादी के बुने हुए वस्त्र पर ही जरदोज़ी आदि कारीगरों ने लिखी है। यह पुस्तक भारत कला भवन को उपहार स्वरूप ट्रस्ट ने दिया है। जिसमें भारत तथा बाहर के कलाकारों के कार्य को वूड ब्लॉक प्रिंट में छापे गए है। यह पुस्तक संग्रहालय में वसन विभाग में संरक्षित कर प्रदर्शित की जाएगी।

उन्होंने बताया कि पुस्तक अपने आप में महात्मा गाँधी के विकेंद्री कृत अर्थव्यवस्था के सिद्धांत और बाबा साहेब आम्बेडकर के सामजिक न्याय के विचार की प्रतिकृति है। देश भर में खादी के लिए कार्यरत किसानों और कारीगरों की बेहतरी को केंद्र मे रख कर ही इस पुस्तक पर काम किया गया है। ट्रस्ट के निदेशक जीतेन्द्र कुमार ने बताया कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस और मशीनीकरण के प्रभुत्व वाले इस युग में, आने वाली पीढ़ियों पर केन्द्रित इस परियोजना का अंतर्निहित सन्देश काफी शक्तिशाली और स्पष्ट है। पारम्परिक और जैविक शिल्प कौशल को संरक्षित करते हुए इसका उपयोग शैक्षिक कार्यक्रमों में सांस्कृतिक आधार और संसाधन के रूप किया जाए । भारत भर में प्रस्तावित प्रदर्शनी कार्यक्रमों के माध्यम से आगे सपने देखना कार्यक्रम हस्तनिर्मित, जैविक एवं सांस्कृतिक उत्पादों को जीवंत बनाये रखने के प्रति आम लोगों को प्रेरित और शिक्षित करना चाहता है। इसके पहले कला भवन के उप निदेशक डॉ निशांत ने अतिथियों का स्वागत किया।

पुस्तक निर्माण में बड़ी भूमिका निभाने वाले अंतरराष्ट्रीय कलाकार एरोन सिनिफ्ट, अमेरिका स्थित ब्रुकलिन संस्था के संस्थापक मार्शल वेबर, और संस्था के संरक्षक डॉ दीपक मलिक, केंद्र सरकार के खादी मिशन के पूर्व निदेशक अशोक कुमार शरण,कला भवन के सहायक संग्रहाध्यक्ष डॉ अनिल कुमार सिंह, विनोद कुमार, डॉ देवेन्द्र बहादुर सिंह आदि भी इस दौरान मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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