Uttrakhand

उत्तराखंड में नहीं थम रहा सड़क हादसों का सिलसिला, छह माह में 153 मौत और 463 घायल

 (Udaipur Kiran) ।

– 15 जून 2024 से अब तक का राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का रिपोर्ट

– अल्मोड़ा, देहरादून, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में जानमाल का बढ़ रहा नुकसान

– तीन लोग अभी भी लापता, कोई पता नहीं, गंभीर चेतावनी दे रहे आंकड़े

देहरादून, 07 दिसंबर (Udaipur Kiran) । आपदा प्रभावित राज्य उत्तराखंड में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इससे पूरे राज्य में डर और चिंता का माहौल बना हुआ है। 15 जून 2024 से लेकर अब तक हुए इन हादसों में 153 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 463 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पहाड़ी इलाकों की खतरनाक सड़कों पर बढ़ते हादसों ने प्रदेश में एक बार फिर सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अल्मोड़ा, देहरादून, हरिद्वार और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में जानमाल का नुकसान बढ़ रहा है। जबकि सड़कें भी कई स्थानों पर बाधित हैं। यह आंकड़े एक गंभीर चेतावनी देते हैं कि सड़क सुरक्षा में सुधार की सख्त आवश्यकता है।

उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में सड़क दुर्घटनाओं ने गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से शनिवार को छह माह यानी 175 दिन की जारी रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक दुर्घटनाएं अल्मोड़ा जिले में हुई हैं, जहां 40 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके बाद देहरादून में 19 लोग, हरिद्वार में 33 और पिथौरागढ़ में 10 लोग हादसों में मारे गए हैं। इन दुर्घटनाओं के अलावा 463 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं, जिनमें से कई की हालत नाजुक बताई जा रही है। साथ ही तीन लोग अभी भी लापता हैं, जिनका कोई पता नहीं चल सका है। यह आंकड़े राज्य में सड़कों की सुरक्षा को लेकर गहरे सवाल खड़े करते हैं।

राज्य भर के मार्गों की स्थिति

राज्य के विभिन्न जिलों में सड़क यातायात पर लगातार असर पड़ रहा है। कई प्रमुख सड़क मार्गों पर यातायात अवरुद्ध है। जबकि कुछ मार्गों की मरम्मत और निर्माण कार्य चल रहा है। अल्मोड़ा में सभी प्रमुख सड़कें यातायात के लिए खोली गई हैं। हालांकि, कुछ ग्रामीण मार्गों में थोड़ी बहुत समस्या आई है, जिन्हें जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा। रूद्रप्रयाग में केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-107) और सोनप्रयाग-गौरीकुण्ड मार्ग यातायात के लिए सुचारू हैं। लेकिन 1 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध है, जिसका उद्घाटन शीघ्र किया जाएगा। पौड़ी गढ़वाल जिले में ऋषिकेश-यमुनोत्री और ऋषिकेश-गंगोत्री मार्गों पर यातायात सुचारू है। जिले में सड़क मार्गों की स्थिति संतोषजनक है और वहां के लोग आसानी से यात्रा कर पा रहे हैं। पिथौरागढ़ जिले में घाट-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग और घाट-पनार-गंगोलीहाट मार्ग पर यातायात सुचारू है। हालांकि एक ग्रामीण मोटर मार्ग अब भी अवरुद्ध है, जिसे खोलने की प्रक्रिया चल रही है। देहरादून जिले में राज्य के प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात सामान्य है। हालांकि, कुछ ग्रामीण मार्गों पर समस्याएं आ रही हैं, जिन्हें जल्द हल करने का प्रयास किया जा रहा है।

मौसम चेतावनी

राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि अगले पांच दिनों तक राज्य में कुछ स्थानों पर गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने की संभावना है। इस मौसम को देखते हुए प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां भारी बारिश और तूफान की संभावना है।

रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की आवश्यकता

हालांकि राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर कई कदम उठाए हैं, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की तत्काल आवश्यकता है, ताकि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सरकार ने राज्य भर में सड़क मरम्मत और नए निर्माण कार्यों के लिए योजनाएं तैयार की है, लेकिन यह देखने की बात होगी कि सरकार इन कार्यों को कितनी जल्दी और प्रभावी तरीके से लागू करती है ताकि भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके।

यात्रियों को सतर्कता की सलाह

राज्य के आपातकालीन केंद्र और पुलिस प्रशासन ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे सड़क पर यात्रा करते समय पूरी सतर्कता बरतें। खासकर खराब मौसम में यात्रा करते वक्त सुरक्षा उपायों का पालन करें और दुर्घटनाओं से बचने के लिए यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करें।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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