Uttar Pradesh

हमारा अध्यात्म लकीर का फकीर नहीं,विज्ञान की तकनीक को भी अपना रहा:योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री स्वर्वेद महामंदिर धाम में
मुख्यमंत्री स्वर्वेद महामंदिर धाम में

—मुख्यमंत्री स्वर्वेद महामंदिर धाम में आयोजित विहंगम योग के शताब्दी समारोह में शामिल हुए, 25 हजार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ में आहुतियां दी

वाराणसी,07 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा अध्यात्म लकीर का फकीर नहीं है। विज्ञान की तकनीक को अपना रहा है। यहीं हमारी भारतीयता और उसकी विशेषता है,यहीं सनातन हैं। दो दिवसीय वाराणसी दौरे के अन्तिम दिन शनिवार को मुख्यमंत्री उमरहा चौबेपुर स्थित स्वर्वेद महामंदिर धाम में आयोजित विहंगम योग के शताब्दी समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने काशी में हुए विकास कार्यो का उल्लेख कर कहा कि काशी में जितने भी देव मंदिर है,सबका कायाकल्प हुआ है। काशी में इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्य- चाहे सड़क, रेल और वायु सेवा की कनेक्टिविटी हो 2014 से पहले था उससे 100 गुना बेहतर बनी है। अब काशी से हल्दिया के बीच जलमार्ग का उपयोग करते हुए भी अपनी यात्रा को आगे बढ़ा सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दस वर्षों में काशी को चमका दिया। दुनिया का सबसे बड़ा स्नान घाट नमो घाट जहां हेलीपैड भी है, काशी में है । उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री के मार्ग दर्शन मे आगे बढ़ रहा है, यहां विकास है तो विरासत का सम्मान भी है। उन्होंने कहा कि योग को देश से वैश्विक मंच पर ले जाने का श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है। मुख्यमंत्री ने समारोह में आए हुए लाखों श्रद्धालुओं की ओर इंगित कर कहा कि यहां कुंभ ​है तो प्रयागराज में महाकुंभ कुंभ भी है। यह वर्ष हमारे लिए महत्वपूर्ण है । इसी साल 22 जनवरी 2024 को रामलला अयोध्या में विराजमान हुए।

उन्होंने कहा कि देश में कौन ऐसा सनातनधर्मी नहीं रहा होगा जो यह देख कर गौरवान्वित न हुआ हो। विरासत का सम्मान है और लोक कल्याण का बड़ा अभियान भी है ।

मुख्यमंत्री ने भारत माता की जय से अपने सम्बोधन की शुरूआत करते हुए स्वर्वेद महामंदिर धाम के विहंगम योग शताब्दी समारोह की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक वर्ष ही धाम का उद्घाटन किया था। धाम के शताब्दी वर्ष समारोह में अब मुझे शामिल होने का सौभाग्य मिला है। धाम में सबकुछ अपने आप चल रहा है,नियोजित और वैेज्ञानिक पद्धति पर। विज्ञान की पद्धति पर पंडाल लगाए गए है।

—सच्चा संत और सच्चा योगी कभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठा नहीं रह सकता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सच्चा संत और सच्चा योगी कभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठा नहीं रह सकता है। जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, और गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अपनी आध्यात्मिक साधना के साथ इस देश को विदेशी दासता से मुक्त कराना है, इसके लिए सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज ने आजादी के आन्दोलन में भाग लेकर के बैरकपुर से देश के स्वतंत्रता संग्राम से अपने आप को जोड़ा था। विहंगम योग संत समाज ने स्वर्वेद महामंदिर जैसे दिव्य स्थल का निर्माण कर भारतीय योग और आध्यात्मिक परंपरा को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पहल की सराहना की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते है कि हर काम देश के नाम। हमारा देश सुरक्षित है तो धर्म भी सुरक्षित है, हमारा धर्म सुरक्षित है हम सुरक्षित हैं। जो भी कार्य हो मत और मजहब से उपर उठकर।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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