भोपाल, 6 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पहली बार संविधान का अखंड पाठ हुआ। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर भोपाल के सेकेंड स्टाप स्थित अंबेडकर जयंती मैदान पर शुक्रवार सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक अखंड संविधान पाठ किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक मिलिंद बौद्ध ने बताया कि भोपाल में पहली बार ही ऐसा हो रहा है कि संविधान का अखंड पाठ किया जा रहा है। अभी तक संविधान का अखंड पाठ कभी नहीं हुआ। यह संविधान का हीरक जयंती वर्ष है। संविधान लागू हुए 75 साल पूरे हो गए हैं। इसी उपलक्ष्य में भोपाल के लोगों ने यह सोचा।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में नहीं बल्कि पूरे देश में ऐसा होना चाहिए। गली-मोहल्लों, स्कूलों से लेकर मस्जिदों, मंदिरों, गुरुद्वारों में संविधान का पाठ होना चाहिए। हमारे संविधान के प्राइम्बल में आता है कि ‘वी द पीपुल ऑफ इंडिया’ हम संविधान लागू करेंगे और उसे आत्म अर्पित करेंगे। लोगों को यह मालूम तो हो कि वह है क्या?
मिलिंद बौद्ध ने कहा कि लोगों को संविधान के बारे में जानना चाहिए, इसलिए हमने यह शुरुआत की है। भोपाल के जयंती मैदान से हमने आज यहां अखंड पाठ की शुरुआत की है। हम आगे ऐसे पाठ हर मोहल्ले में करेंगे। ऐसे आयोजन 26 जनवरी तक यह चलेंगे। 26 जनवरी को बाबा साहब हीरक जयंती वर्ष समाप्त हो रहा है। उसी दिन हम बड़ा कार्यक्रम इस मैदान में करेंगे। उसमें हम सभी धर्म के अनुयायियों को धर्म गुरुओं को आमंत्रित करेंगे कि संविधान में हमें क्या दिया है? इस देश को क्या दिया है? तो 75 साल का लेखा-जोखा हम यहां रखेंगे। समापन समारोह में बड़ी संख्या में लोग यहां मौजूद रहेंगे।
उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य यही है कि जन-जन तक संविधान पहुंचे संविधान की बातें पहुंचे और लोग संविधान को पढ़ें अपने धर्म ग्रंथों को खूब पढ़ें। लेकिन एक बार संविधान को भी जरूर पढ़ कर देखें। जब संविधान पढ़ कर देख लेंगे तो इस देश में क्या हो रहा है वह और सही ढंग से होने लगेगा। जो हो रहा है वह तो होगा लेकिन, उससे अच्छा होगा बेहतर होगा यही उम्मीद हम करते हैं।
कार्यक्रम में संविधान के अखंड पाठ में शामिल हुई संघमित्रा खैरनार ने कहा कि हमारे मन में इसलिए विचार आया कि संविधान घर-घर पहुंचना चाहिए और जैसे मई-जून में बच्चों की छुट्टियां होती हैं। अप्रैल से छुट्टियां लग जाती हैं। जैसे लोग बच्चों को दूसरी कोचिंग्स करवाते हैं, दूसरे लैंग्वेज की कोचिंग कराते हैं। हमारे बच्चों को सारा नॉलेज होना चाहिए। लेकिन यह भी होना चाहिए कि संविधान के बारे में सबको को पता हो। बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों सबको संविधान की जानकारी होनी चाहिए।
(Udaipur Kiran) तोमर