ह्रदय रोग के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के लिए शोध की जरूरत
लखनऊ, 6 दिसंबर (Udaipur Kiran) । लखनऊ के सांसद व केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्डियोलाजिक सोसायटी आफ इण्डिया की ओर से आयोजित कान्फ्रेन्स का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए जीवन को आनंद व मस्ती में जियें।
उन्होंने कहा कि मनुष्य को मन बड़ा करके काम करना चाहिए। अटल जी की पंक्तियां बोलते हुए कहा कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता। इसलिए जितना मन बड़ा करेंगे उतना ही आप सुखी रहेंगे और परमानंद की अनुभूति होगी। व्यक्ति का जब मन बड़ा होता है तो ईश्वर भी साथ देते हैं।
देशभर से आये ह्रदय रोग विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी लोग अपना दिल मजबूत रखें। दिल कभी टूट जाता है कभी लग जाता है कभी भटकने लगता है। कभी कुछ चाहने लगता है। चिकित्सकों से कहा कि वह मरीजों को शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के बारे में भी बतायें।
रक्षामंत्री ने कहा कि ह्रदय रोग के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के लिए जागरूकता और शोध की जरूरत है। बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत में ह्रदय रोगों का बोझ तेजी से बढ़ रहा है। लगभग तीन करोड़ लोग ह्रदय रोग से पीड़ित हैं। आयुष्मान भारत योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इससे
रोगियों के इलाज में सहूलियत हो रही है।
इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने नव चयनित ह्रदय रोग विशेषज्ञों को सम्मानित किया। डा. आदित्य कपूर ने राजनाथ सिंह का स्वागत किया। इससे पहले चौधरी चरण सिंह अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ राजनाथ सिंह का स्वागत किया। कार्डियोलाजिक सोसायटी आफ इण्डिया ह्रदय रोग विशेषज्ञों की संस्था है। इस संस्था का लखनऊ में यह पहला वार्षिक सम्मेलन है।
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(Udaipur Kiran) / बृजनंदन