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सड़क चौड़़ीकरण में फतेहपुर नूरी जामा मस्जिद को गिराने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर

इलाहाबाद हाईकोर्ट

-याचिका में मस्जिद को विरासत स्थल के रूप में मान्यता और संरक्षण देने की मांग प्रयागराज, 06 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । फतेहपुर स्थित 180 वर्ष पुरानी नूरी जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने सड़क चौड़ीकरण के लिए मस्जिद के एक बड़े हिस्से को ध्वस्त करने की उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग की योजना को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

अधिवक्ता सैयद अज़ीम उद्दीन के माध्यम से दायर याचिका में नूरी जामा मस्जिद के विध्वंस को रोकने और इसे विरासत स्थल के रूप में मान्यता और संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है।

याचिका के अनुसार, फतेहपुर के लालौली में 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद ऐतिहासिक रूप से स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लिए धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्र रही है, जो पूजा और सांस्कृतिक संरक्षण का स्थान है। याचिका के अनुसार, मस्जिद को ध्वस्त करने से स्थानीय समुदाय और राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत को अपूरणीय क्षति होगी। क्योंकि ऐतिहासिक संरचनाओं को एक बार नष्ट कर दिए जाने के बाद पुनः स्थापित नहीं किया जा सकता।

याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को मस्जिद को गिराने के लिए जारी किए गए अतिक्रमण नोटिस पर कार्रवाई करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत नूरी जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने के लिए एक अभ्यावेदन पर विचार करने के निर्देश देने की भी मांग की गई है।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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