सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री पहुंचे रोहतक, एमडीयू में भारत रत्न बाबासाहेब डा. भीमराव अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा का किया अनावरण
रोहतक, 6 दिसंबर (Udaipur Kiran) । महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में बाबासाहेब डा. अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार काे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने बतौर मुख्यअतिथि शिरक्त की। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब डा. भीमराव अंबेडकर ने भारत ने ही नहीं पूरे विश्व को एवं समूचे मानव जाति के जीवन को आलोकित किया। भारत राष्ट्र सदैव बाबासाहेब को ऋणी रहेगा। बाबासाहेब भारत में लोकतंत्र को जीवित एवं जीवंत रखने वाले प्रणेता थे। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब डा. अंबेडकर ने भारतीय संविधान के जरिए राष्ट्र के नागरिकों को न केवल मताधिकार बल्कि अन्य कल्याणकारी नीति एवं प्रावधान दिए। भारत की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। साथ ही युवा वर्ग से उन्होंने आह्वान किया कि डा. अंबेडकर के बारे अध्ययन कर उनकी भूमिका तथा उनके योगदान को जानने का प्रयास करें और सामाजिक उत्थान में अपना योगदान दे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने एमडीयू में भारत रत्न बाबासाहेब डा. भीमराव अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा का अनावरण भी किया। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने किसानों के दिल्ली कूच को लेकर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि हरियाणा का कोई भी किसान आंदोलन नहीं कर रहा है। पंजाब की कुछ जत्थेबंदियों के मसले है जो केन्द्र के साथ ही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने अनेक योजनाएं लागू की है और पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ मिल रहा है। हालांकि हरियाणा द्वारा किसानो को दिल्ली कूच के लिए रास्ता देने के सवाल को मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने अनसुना कर दिया।
साथ ही उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार पहले ही सबसे अधिक फसले एमएसपी पर खरीद रही है। उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि संविधान के नाम पर कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है और अब लोग कांग्रेस के झूठ को पहचान चुके है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व हरियाणा सरकार से हर वर्ग पूरी तरह से खुश है। इस अवसर पर पूर्व मेयर मनमोहन गोयल, एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा सहित भाजपा के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी एवं कार्यकत्र्ता मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / अनिल