छतरपुर, 6 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सरकारी स्कूल में शुक्रवार को दाे विदयाथियाें ने प्रिंसिपल की गोली मारकर हत्या कर दी है। प्रिंसिपल सुरेंद्र कुमार सक्सेना की मौके पर ही मौत हो गई। मामला धमौरा शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल का है। वारदात के बाद आरोपी छात्र मौके से भाग निकले। आरोपी ढिलापुर गांव के रहने वाले हैं।
एक टीचर ने बताया कि एक आरोपी 12वीं का छात्रा है। प्रिंसिपल ने उसके पिता को कई बार बुलाकर हिदायत देते हुए कहा था कि आपका बेटा अनुशासनहीन है। इसे संभाल लो। एसपी अगम जैन ने बताया कि माैके पर पहुंचकर पुलिस की टीम जांच कर रही है। स्टॉफ और अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। आरोपियों का पूर्व का रिकॉर्ड भी निकलवा रहे हैं। स्कूटी मौके से लापता है। संभवत: आराेपी छात्र लेकर भाग गए हैं। आसपास के फुटेज देखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक जांच में और भी पॉइंट निकलकर आए हैं। उनकी पुष्टि की जा रही है।
प्रिंसिपल के भाई छोटे भाई राजेंद्र सक्सेना ने कहा कि ये सुनियाेजित हत्या का मामला है। मेरे भाई इसी स्कूल में करीब 4-5 साल से पोस्टेड थे, लेकिन कुछ लोग उन पर अनावश्यक दबाव डालते थे। गलत काम करवाने के लिए उनको प्रताड़ित करते थे। स्कूल का गेट हमेशा बंद रहता है, लेकिन आज खुला रखा गया। कोई भी एंट्री करे। कोई भी चला जाए। मुझे लगता है कि यह प्लान के तहत मर्डर करवाया गया है, ताकि आरोपी वारदात कर आसानी से भाग सकें।
उन्हाेंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि उस्कूल का कोई व्यक्ति साजिश में शामिल हाे सकता है। प्रिंसिपल के छोटे भाई ने कहा कि यह कैसे संभव है कि स्कूल में क्लास चल रही हैं। टीचर यहां पर हैं और किसी ने घटना होते हुए नहीं देखी। यह संभव नहीं है। मुझे पूरा संदेह है कि स्कूल का कोई व्यक्ति इस साजिश में शामिल है। मैं एसपी और पुलिस प्रशासन से निवदेन करता हूं कि जो वारदात में शामिल हैं उनको जल्द पकड़ा जाए। आरोपी ने पहले मेरे भाई को मारा फिर उनके ऑफिस में आया और स्कूटी की चाबी तलाश कर हेलमेट और टिफिन को फेंका। कुर्सी को तोड़ने का प्रयास किया। इसके बाद आरोपी आराम से स्कूटर लेकर चले गए।
स्कूल में पदस्थ टीचर हरिशंकर जोशी ने बताया कि मैं साक्षरता अभियान के सर्वे में गया हुआ था। वहां से लौटते समय मुझे स्टूडेंट्स घर जाते दिखे। मैंने उनसे पूछा कि छुट्टी क्यों कर दी गई। तो उन्होंने बताया कि किसी ने प्रिंसिपल को गोली मार दी। मैंने तत्काल 100 डायल और 108 को कॉल किया। साहब का किसी से कोई विवाद नहीं था। बहुत अच्छे व्यक्ति थे।
(Udaipur Kiran) / सौरव भटनागर