नई दिल्ली, 06 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट में शुक्रवार को दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोपित उमर खालिद की ओर से जमानत याचिका पर दलीलें पूरी कर ली गईं। उसकी ओर से कहा गया कि उसके खिलाफ हिंसा का कोई आरोप नहीं है और उसका भाषण गांधीवादी विचारों से प्रेरित था। जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदिप पेस ने कहा कि उसके खिलाफ हिंसा करने और फंड एकत्र करने का कोई आरोप नहीं है। याचिकाकर्ता लंबे समय से विचाराधीन कैदी के रूप में हिरासत में है। इस मामले में उन चार सह आरोपितों को जमानत मिल चुकी है, जिन पर उमर खालिद के खिलाफ लगे आरोपों जैसे हैं। उमर खालिद के पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है। अमरावती में दिए गए भाषण को आधार बनाकर ये एफआईआर दर्ज की गई है। उस भाषण में कहीं भी हिंसा की बात नहीं की गई है। उस भाषण में गांधीवादी अहिंसा की बात की गई है।
पेस ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने अपने पक्ष में तर्क गढ़ने के लिए भाषण को काट-छांटकर पेश किया है। जब उमर खालिद बिहार में था तो उसे दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी का फोन आया था, जिसमें पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन को वापस लेने को कहा गया था, क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप दिल्ली आ रहे थे। उमर खालिद ने दिल्ली पुलिस के अधिकारी के इस आग्रह को व्हाट्स ऐप ग्रुप में साझा किया था। पेस ने कहा कि दिल्ली पुलिस बैठकों को लेकर कह रही है कि वो साजिश रचने के लिए थीं। उन बैठकों में योगेन्द्र यादव भी थे, लेकिन उन्हें आरोपित नहीं बनाया गया। दिल्ली पुलिस ने बैठक में शामिल होने की बात कही है, लेकिन उसमें किसी अपराध के घटित होने की बात नहीं कही है।
आज ही एक और आरोपित मीरान हैदर की ओर से जमानत याचिका पर आंशिक दलीलें रखी गईं। कोर्ट ने 17 दिसंबर को मीरान हैदर की ओर से आगे की दलीलें सुनने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने 25 नवंबर को आरोपितों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए दो अलग-अलग तिथियां नियत की थीं। हाई कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर 6 दिसंबर को, जबकि शरजील इमाम की जमानत याचिका पर 12 दिसंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया था। कोर्ट उमर खालिद के साथ गुलफिशा फातिमा और खालिद सैफी की याचिकाओं पर भी 6 दिसंबर को सुनवाई करेगा। उमर खालिद की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने 24 जुलाई को नोटिस जारी किया था। इसके पहले 22 जुलाई को उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई से जस्टिस अमित शर्मा ने खुद को अलग कर लिया था। कड़कड़डूमा कोर्ट ने 28 मई को उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी और कहा था कि अब वे ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। उमर खालिद को 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वो जेल में है। इससे पहले 18 अक्टूबर, 2022 को दिल्ली हाई कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम