Jammu & Kashmir

मुबारक मंडी जम्मू में एक प्रमुख पर्यटन स्थल होगा-मुख्य सचिव

जम्मू 05 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने मुबारक मंडी हेरिटेज कॉम्प्लेक्स का दौरा किया। इस दौरान उन्हांेने पिछले कुछ वर्षों से चल रहे संरक्षण और सुरक्षा के कार्यों पर हुई प्रगति का मौके पर आकलन किया। इस अवसर पर उनके साथ प्रमुख सचिव संस्कृति, सचिव आर एंड बी, कार्यकारी निदेशक मुबारक मंडी हेरिटेज सोसाइटी, उपायुक्त जम्मू के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने परिसर की विभिन्न विरासत इमारतों का दौरा किया और वहां किए जा रहे संरक्षण कार्यों का संज्ञान लिया। उन्होंने संरचनाओं के जीर्णोद्धार के बाद उनके अनुकूली पुनः उपयोग के बारे में सोसायटी की बाद की योजनाओं के बारे में पूछताछ की।

अटल डुल्लू ने सोसायटी को न्यूनतम समय सीमा के भीतर इसे पूरा करने के लिए काम में और तेजी लाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि विरासत का जीर्णोद्धार काफी तकनीकी कार्य है जिसमें कार्यों को पूरा करने के लिए उचित परिश्रम और अत्यधिक पेशेवर जनशक्ति की आवश्यकता होती है।

उन्होंने परिसर की मूल भव्यता को बहाल करने के अलावा इसके अतीत के गौरव के अनुरूप इसकी सौंदर्य अपील को संरक्षित करने का निर्देश दिया। वह वर्तमान में डोगरा कला संग्रहालय की मेजबानी करने वाले पुनर्निर्मित दरबार हॉल के अंदर गए जहां उन्होंने मुद्राशास्त्र गैलरी, आभूषण अनुभाग, पुरातत्व अनुभाग और मास्टर संसार और गैलरी का अवलोकन करते हुए विभिन्न खंडों का दौरा किया और वहां प्रदर्शित कलाकृतियों के ऐतिहासिक भंडार को देखा।

उन्होंने संग्रहालय भवन के अलावा राजा राम सिंह और राजा अमर सिंह महलों जैसी संरचनाओं में किए जा रहे जीर्णोद्धार कार्यों में हुई प्रगति पर भी ध्यान दिया जो जल्द ही विभिन्न हिस्सों में प्रस्तावित ऐतिहासिक रूप से मूल्यवान पुरावशेषों की एक श्रृंखला की मेजबानी के लिए पूरा होने वाला है।

उन्होंने इंटैक के परामर्श से प्रांगण के सौंदर्यीकरण और अन्य सुविधाओं के निर्माण के अलावा आगंतुकों की सुविधा के लिए बहुमंजिला पार्किंग स्थल के विकास की आवश्यकता का भी आकलन किया।

मुख्य सचिव ने आगे बताया कि पीपीपी मोड के तहत विकसित हिस्से के साथ यह परिसर जम्मू शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस परिसर को देखने के लिए एक आकर्षक स्थान बनाने के लिए वर्तमान में निष्पादित जीर्णोद्धार, संरक्षण और सुरक्षा कार्य अगले 2 वर्षों में पूरे हो जाएंगे।

इस दौरे के दौरान प्रमुख सचिव, संस्कृति, सुरेश कुमार गुप्ता ने इस मेगा परियोजना के अन्य पहलुओं के अलावा संरक्षित संरचनाओं के अनुकूली पुनः उपयोग की योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि रानी चाढ़क महल, पिंक हॉल आदि सहित परिसर के पीछे की भव्य संरचनाओं को पीपीपी मोड में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग ने इस उद्देश्य के लिए एक लेनदेन सलाहकार को नियुक्त करने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं और जल्द ही इस परियोजना पर काम यहां शुरू किया जाएगा।

मुख्य रूप से परिसर को सार्वजनिक क्षेत्र, ज्ञान केंद्र, व्याख्या और संग्रह गैलरी, जीवन शैली, अनुभवात्मक स्थान और शिल्प बाज़ार सहित 06 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है।

(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी

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