भुज/अहमदाबाद,05 दिसंबर (Udaipur Kiran) । गुजरात पुलिस ने कच्छ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की फर्जी टीम और रेड कार्रवाई की साजिश का गुरुवार काे खुलासा किया। पूर्वी कच्छ थाने की पुलिस ने मामले में भुज के एक पत्रकार, अहमदाबाद की एक महिला समेत 12 आरोपियों काे गिरफ्तार किया। इन्हाेंने फर्जी ईडी टीम बनाकर एक ज्वैलर्स और उसके आवास आदि में छापेमारी की और 25 लाख रुपये से ज्यादा के जेवरात समेट कर फरार हाे गए थे।
कच्छ में फर्जी ईडी के मामले में पुलिस द्वारा जारी विवरण के अनुसार, बीती 2 दिसंबर को एक संगठित गिरोह गांधीधाम में एक ज्वैलर्स की दुकान, मालिक और उसके भाइयों के आवासीय घर पर पहुंचे और खुद को ईडी का अधिकारी बताते हुए रेड की कार्रवाई। इस छापेमारी में वादी के घर में सोना, चांदी और नकदी की जांच की और उनकी जानकारी के बिना 25 लाख 25 हजार 225 रुपये के सोने के आभूषण चोरी कर फरार हो गये। गांधीधाम ए डिवीजन पुलिस स्टेशन में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार आरोपित भरत मोरवाडिया ने अपने दोस्त देवायत खाचर को बताया कि पांच-छह साल पहले उक्त ज्वैलर्स के यहां आईटी रेड हुई थी और वहां बड़ी मात्रा में सोना, चांदी और नकदी मिली थी। ज्वैलर्स के पास 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति होने की जानकारी दी गई। इसजानकारी काे आरोपित देवायत खाचर ने भुज के अपने दोस्त और पत्रकार अब्दुल सतार मंजोथी को दी। अब्दुल सत्तार मंजोथी ने भुज में अपने दोस्तों हितेश ठक्कर और विनोद चुडास्मा से मुलाकात की और उक्त ज्वैलर्स की जानकारी देते हुए फर्जी ईडी की रेड डालने की बात कही।
घटना से एक पखवाड़े पूर्व देवायत खाचर, अब्दुल सतार मंजोथी, हितेश ठक्कर, विनोद चुडास्मा आदिपुर बस स्टेशन के सामने राजवाड़ी चाय होटल में शाम को मिले और फर्जी रेड करने की पूरीयाेजना बनाई गई।
इस योजना को सफल बनाने के लिए विनोद चुडासमा ने अहमदाबाद के आशीष मिश्रा से संपर्क किया और उसे रेड करने की साजिश में शामिल कर लिया।
आशीष ने चंद्रराज नायर के साथ अजय दुबे, अमित मेहता, निशा मेहता और विपिन शर्मा से मुलाकात की, जो फर्जी ईडी अधिकारी के रूप में काम कर रहे थे, शैलेन्द्र देसाई मंडल रेलवे प्रबंधक (डीआरएम) के कार्यालय अहमदाबाद में अनुवादक के रूप में काम कर रहे थे। याेजना के अनुसार अजय, अमित और विपिन ने
ईडी अधिकारियों की भूमिका के लिए सूट पहनने का फैसला किया और महिलाओं की तलाशी के लिए महिला निशा मेहता काे रखा गया। अहमदाबाद के आरोपी दो अलग-अलग वाहनों में गांधीधाम आए।
जबकि अन्य आरोपित अलग-अलग वाहनों में गांधीधाम बस स्टेशन के पास मिले। इसके बाद शिकायतकर्ता की ज्वैलर्स की दुकान पर गए और आरोपी शैलेन्द्र देसाई ने खुद को ईडी अधिकारी बताया और फर्जी ईडी अधिकारी अंकित तिवारी के नाम से नकली आईडी कार्ड दिखाया। इसके साथ ही जौहरी के घर झूठी रेड दिखाई। फिर उसने भाई के घर पर आगे जांच करने का नाटक किया, उसके घर गया और खुद को ईडी अधिकारी बताते हुए तलाशी ली। आराेपिताें ने शिकायतकर्ता के घर से सोने के गहने और नकदी अलग करने के बाद साथ ले गए।
अपराध की गंभीरता काे देखते हुए पुलिस अधीक्षक सागर बागमार के मार्गदर्शन में प्रोबेशन आईपीएस विकास यादव और पुलिस उपाधीक्षक मुकेश चौधरी के पर्वेक्षण में एलसीबी पीआई एनएन चुडासमा, पुलिस अधिकारी एमवी जाडेजा और पीआई एमडी चौधरी के नेतृत्व में एलसीबी स्टाफ ए डिवीजन गांधीधाम, ए डिवीजन की अलग-अलग टीमों ने घटना की जांच में तकनीक, मानव स्रोत और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर फर्जी ईडी टीम और रेड के आरोपिताें को भुज, अहमदाबाद और गांधीधाम से पकड़ लिया। आरोपियों से गहनता से पूछताछ करने पर उन्होंने फर्जी रेड करने की वारदात कबूल की।
पुलिस ने घटना में शामिल 13 आराेपिताें में 12 को माल और वारदात में इस्तेमाल वाहनों के साथ गिरफ्तार कर लिया।
फर्जी ईडी के गिरफ्तार आरोपियों में भरत शांतिलाल मोरवाडिया गांधीधाम, देवायत विसुभाई खाचर अंजार, अब्दुल सतार इशाक मंजोथी भुज, हितेश चतुर्भुज ठक्कर भुज, विनोद रमेशभाई चुडासमा भुज, यूजीन ऑगस्टीन डेविड अंजार, आशीष राजेशभाई औ अहमदाबाद के
चंद्रराज मोहनभाई नायर, अजय जगननाथ दुबे, अमित किशोरभाई मेहता, शैलेन्द्र अनिल कुमार देसाई, महिला निशा अमित मेहता शामिल हैं।
इस मामले में पुलिस ने 7.80 लाख रुपये सोने का 100 ग्राम वजन का बिस्किट, सोने का लेडीज ब्रेसलेट कीमत 14 लाख 47 हजार रुपये, ईडी का फर्जी आईडी कार्ड, 2.25 लाख कीमत के 13 मोबाइल, कार और स्कूटर कुल मिलाकर 45.82 लाख 206 रुपये जब्त किए गए। इस फर्जी ईडी के गिरफ्तार आरोपिताें में भुज के पत्रकार अब्दुल सतार इशाक मंजोथी के खिलाफ जामनगर जिले के पंचकोशी पुलिस स्टेशन में रंगदारी के साथ हत्या का अपराध और भुज सिटी पुलिस स्टेशन में हत्या के प्रयास का पहले अपराध दर्ज हैं।
(Udaipur Kiran) / हर्ष शाह