शिमला, 05 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश की 3614 ग्राम पंचायतों ने ई-स्वराज प्रणाली को अपनाया है जिससे पंचायत स्तर पर सभी प्रशासनिक कार्य अब ऑनलाइन हो रहे हैं। इस प्रणाली के माध्यम से पंचायत निधि का आवंटन, योजनाओं की निगरानी और ग्रामीण विकास से संबंधित अन्य कार्य ऑनलाइन किए जा रहे हैं। 15वें वित्तायोग के तहत वितीय वर्ष 2024-25 में इन पंचायतों ने ई-ग्राम स्वराज को अपनाया है। यह जानकारी केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार के सवाल के जवाब में राज्यसभा में दी।
ई-स्वराज प्रणाली से ऑनलाइन भुगतान की सुविधा
प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने बताया कि ई-स्वराज प्रणाली से हिमाचल प्रदेश की 3397 पंचायतों में अब ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके अलावा 3615 पंचायतों में से 416 पंचायतों में जीपी/टीएलबी सेवा भी शुरू की गई है। इसके माध्यम से ग्राम पंचायतों को भू-स्थानिक तकनीक का उपयोग करके योजना बनाने में सुविधा मिल रही है। इससे न केवल प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बढ़ी है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन भी आसान हुआ है।
किशोरियों के लिए केंद्र सरकार की एसएजी योजना
डॉ. सिकंदर कुमार के एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय योजनाओं के तहत हिमाचल प्रदेश में 16774 किशोरियां एसएजी योजना (किशोरियों के लिए पोषण एवं सशक्तिकरण योजना) के तहत पंजीकृत हैं। इस योजना का उद्देश्य 14 से 16 वर्ष की आयु की किशोरियों को पोषण प्रदान करना उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना, और उन्हें शिक्षित एवं सशक्त बना आत्मनिर्भर बनाना है।
मिशन पोषण-2 के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन वितरण
सावित्री ठाकुर ने बताया कि 2024-25 के दौरान एसएजी योजना के तहत हिमाचल प्रदेश को 160.46 मीट्रिक टन गेहूं और 99.92 मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल आवंटित किया गया है। इसके अलावा मिशन पोषण-2 के तहत हिमाचल प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षकों और ब्लॉक समन्वयकों को 20725 स्मार्टफोन वितरित किए गए हैं। इस पहल से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाया गया है, ताकि वे पोषण एवं बाल विकास कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से लागू कर सकें।
आंगनवाड़ी केंद्रों को बेहतर बुनियादी ढांचा
केंद्रीय मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि देशभर में 1 लाख 70 हजार 337 आंगनवाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों के रूप में विकसित किया गया है, जिनमें हिमाचल प्रदेश के 125 केंद्र भी शामिल हैं। इन केंद्रों में एलईडी स्क्रीन, वाटर प्यूरीफायर, पोषण वाटिका, ईसीसीई और बाल पेंटिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा