हकृवि में विश्व मृदा दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजितहिसार, 5 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मृदा विज्ञान विभाग की ओर से विश्व मृदा दिवस पर सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान में मिट्टी की देखभाल: माप, निगरानी व प्रबंधन पर विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो बीआर कम्बोज ने गुरुवार को आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भूमि की उर्वरक क्षमता बनाए रखने के लिए मिट्टी की जांच, फसल चक्र में बदलाव, जैविक प्रबंधन और कम भू-जल दोहन वाली फ़सलें व तकनीकें अपनाना बेहद जरुरी है। उन्होंने कहा कि मिट्टी का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो पैदावार भी बढ़ेगी, इसलिए किसान नियमित रुप से मिट्टी की जांच करवाते रहें और उसके अनुरुप ही फसलों का चयन करें। अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से किसान की लागत भी बढ़ती है। विश्व मृदा दिवस का उद्देश्य मिट्टी के संरक्षण, महत्व और उसके टिकाऊ उपयोग के प्रति जागरूकता को बढ़ाना है। मिट्टी पृथ्वी पर जीवन का आधार है क्योंकि यह खाद्य सुरक्षा, जैव विविधता और पर्यावरण संतुलन में अह्म भूमिका निभाती है। विश्व में लगभग 95 प्रतिशत खाद्य पदार्थ मिट्टी पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि मृदा की उपजाऊ क्षमता को बनाए रखना खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसानों को अपने खेत की मिट्टी की जांच अवश्य करवानी चाहिए। इससे किसान सीमित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करके अधिक पैदावार ले सकते हैं। किसानों की मिट्टी की जांच के लिए विश्वविद्यालय द्वारा समुचित प्रबंध किए गए हैं।
अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने विभाग की शोध संबंधी प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला तथा मृदा उर्वरता के जिला स्तरीय मानचित्र बनाने का सुझाव दिया। कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा ने बताया कि विभाग द्वारा वर्ष 2024 में मिट्टी के 3000 तथा पानी के 2800 नमूनों की जांच की गई। उन्होंने कुलपति द्वारा पांच कृषि विज्ञान केन्द्रों में नई मिट्टी प्रयोगशाला बनाने के लिए दिए गए बजट पर उनका धन्यवाद किया। मृदा विभाग के प्रमुख डॉ दिनेश तोमर ने कार्यक्रम में सभी का स्वागत किया। मंच का संचालन डॉ. उषा वशिष्ठ ने किया। इस अवसर पर सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, शिक्षक, विद्यार्थी एवं किसान उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर