Uttrakhand

भारतीय नौसेना के शौर्य का उत्सव : राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने की ऐतिहासिक उपलब्धियों की सराहना  

पुस्तक का विमोचन करते राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  व अन्य।

– ‘इंडियन लिस्ट ऑफ रेडियो सिग्नल्स वॉल्यूम 1-2’ पुस्तक का किया विमोचन – नौसेना की भूमिका को देश की सुरक्षा और विकास में बताया मील का पत्थर

देहरादून, 04 दिसंबर (Udaipur Kiran) । नौसेना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय जलसर्वेक्षण कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बुधवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय नौसेना के अद्वितीय शौर्य और योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में 1971 के ऐतिहासिक ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की उपलब्धियों को याद किया गया और ‘इंडियन लिस्ट ऑफ रेडियो सिग्नल्स वॉल्यूम 1-2’ पुस्तक का विमोचन किया गया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने नौसेना के आधुनिकीकरण, स्वदेशी रक्षा निर्माण और नारी शक्ति की भूमिका को देश की सुरक्षा और विकास में मील का पत्थर बताया। राज्यपाल ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय नौसेना के ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की ऐतिहासिक जीत को याद करते हुए इसे पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने नौसेना दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और भारतीय नौसेना के अद्वितीय योगदान की सराहना की। उन्होंने राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक कार्यालय (एनएचओ) के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन सटीक मानचित्रण और समुद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पैंगोंगसो झील और नैनीताल झील जैसे जल निकायों के सर्वेक्षण को एनएचओ की दक्षता और समर्पण का प्रमाण बताया। राज्यपाल ने उभरती तकनीकों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उपग्रह दूरसंवेदन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इन्हें अपनाकर भारतीय नौसेना समुद्री क्षेत्र में अग्रणी बनी रहेगी। उन्होंने नौसेना के आधुनिकीकरण और स्वदेशी खरीद की दिशा में बढ़ते कदमों की प्रशंसा की। महिलाओं की भागीदारी का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज नारी शक्ति सशस्त्र बलों से लेकर संसद तक हर क्षेत्र में देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नौसेना दिवस पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय नौसेना देश की वह शक्ति है, जिससे भारत के दुश्मन डरते हैं। उन्होंने 1971 के ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ का उल्लेख करते हुए इसे भारतीय युद्ध इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय नौसेना समुद्री सुरक्षा के साथ-साथ आपदा प्रबंधन और मानवता की सेवा में भी अग्रणी रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत रक्षा उपकरणों के निर्माण में हो रही प्रगति को एक बड़ी उपलब्धि बताया।कार्यक्रम में वाइस एडमिरल लोचन सिंह पठानिया, एडमिरल पीयूष पावसे, सेवानिवृत्त वाइस एडमिरल थपलियाल और विनय बधवार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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