कोलकाता, 04 दिसंबर (Udaipur Kiran) । उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल पुलिस के कार्यशैली पर असंतोष जताते हुए भाजपा नेता कबीर शंकर बोस के खिलाफ दर्ज एफआईआर को सीबीआई के हवाले करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि छह दिसंबर, 2020 को तृणमूल कांग्रेस की ओर से श्रीरामपुर थाने में भाजपा नेता कबीर शंकर बोस व अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट और महिलाओं के साथ बदसलूकी का आरोप लगाते हुए दो एफआईआर दर्ज करवाया गया था।इसके बाद कबीर शंकर बोस ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उनके पूर्व ससुर और श्रीरामपुर के तत्कालीन सासंद कल्याण बनर्जी ने व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिए उनका नाम मामले में डलवा दिया था। गत 13 जनवरी, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने बोस के खिलाफ दो आपराधिक मामलों में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद बोस की मूवमेंट लॉग बुक की एक प्रति भी सीलबंद लिफाफे में रखी गई थी।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने कबीर शंकर बोस द्वारा दायर रिट याचिका पर अपना फैसला सुनाया।
जस्टिस मित्तल ने कहा कि उपरोक्त सभी कारणों और इस मामले के विशिष्ट तथ्यों को देखते हुए प्रतिवादियों को दो FIR के अनुसार जांच के कागजात CBI को सौंपने के लिए एक रिट जारी की जाती है, जिससे यदि आवश्यक हो तो मुकदमा शुरू हो सके और पक्षों को न्याय मिल सके। तदनुसार रिट याचिका को अनुमति दी जाती है।
उल्लेखनीय है कि श्रीरामपुर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 323, 325, 326, 307, 354, 504, 506 और 34 के तहत और धारा 341, 325, 354A और 34 के तहत दर्ज मामलों में अदालत ने आगे की कार्यवाही तक रोक दिया था और अब उन मामलों सीबीआई के हवाले कर दिया है।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय