Jammu & Kashmir

दिव्यांग व्यक्तियों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार है-सकीना इत्तू

जम्मू 03 दिसंबर (Udaipur Kiran) । स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा, समाज कल्याण और शिक्षा मंत्री सकीना इत्तू ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक अधिक समावेशी समाज बनाने के लिए उनकी पहुंच और समान अवसरों की आवश्यकता पर जोर दिया।

मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस-2024 के उपलक्ष्य में यहां कन्वेंशन सेंटर में समग्र शिक्षा, जम्मू-कश्मीर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा सुरेश कुमार गुप्ता, आयुक्त सचिव समाज कल्याण शीतल नंदा, परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा, निदेशक स्कूल शिक्षा जम्मू, निदेशक समाज कल्याण जम्मू, विभिन्न कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रिंसिपल, समाज कल्याण विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग और समग्र शिक्षा के वरिष्ठ अधिकारी, संसाधन व्यक्ति और बड़ी संख्या में छात्र भी उपस्थित थे।

सकीना इत्तू ने दिव्यांग व्यक्तियों की ताकत को स्वीकार किया, जो दिन-प्रतिदिन की चुनौतियों पर काबू पाने में उल्लेखनीय साहस का प्रदर्शन करते रहते हैं। उन्होंने हमारे समाज में अलग-अलग सक्षम व्यक्तियों के भविष्य को आकार देने के लिए उनके समर्थन और समावेशन की आवश्यकता पर जोर दिया।

मंत्री ने कहा हमें दिव्यांग व्यक्तियों की क्षमता का अनावरण करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उन्हें शिक्षा स्वास्थ्य देखभाल, रोजगार और सार्वजनिक स्थानों तक बेहतर पहुंच मिले। हमारी तरह, उन्हें भी सम्मान और अवसर का जीवन जीने का अधिकार है।

दिव्यांग व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस की इस वर्ष की थीम-’समावेशी और सतत भविष्य के लिए दिव्यांगजनों के नेतृत्व को बढ़ाना’ पर बोलते हुए सकीना इत्तू ने एक दिव्यांगता समावेशी समाज की स्थापना करने का आह्वान किया जहां हर व्यक्ति, चाहे उनकी शारीरिक स्थिति कुछ भी हो, सम्मान का जीवन जी सकती हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दिव्यंागता से जुड़ी सामाजिक रूढ़ियों और पूर्वाग्रहों को तोड़ना एक ऐसी समावेशी संस्कृति बनाने के लिए आवश्यक है जो विविधता को उसके सभी रूपों में मनाए।

इस अवसर पर दिव्यांग छात्रों और बच्चों की सराहना करते हुए सकीना इत्तू ने कहा कि आज प्रदर्शन करते हुए छात्रों ने जो प्रतिभा दिखाई वह उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा कि बच्चों ने दिखा दिया कि उनमें किसी चीज की कमी नहीं है बल्कि उनमें अद्वितीय प्रतिभा है जिसे सम्मानित करने और निखारने की जरूरत है।

मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार अलग-अलग सक्षम व्यक्तियों के हर मुद्दे को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है, उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठनों की भी भूमिका है और उन्हें जमीन पर अधिक सक्रिय होने और सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली अनुदान सहायता का प्रभावी ढंग से उपयोग करने की आवश्यकता है।

समाज कल्याण आयुक्त सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और आज उन्हें अवसर देकर उन्होंने अपनी छिपी हुई क्षमताओं का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग तरह से सक्षम व्यक्तियों के लिए समावेशी शिक्षा की अवधारणा इन छात्रों के मुद्दों के समाधान के लिए एक उल्लेखनीय कदम है।

समग्र शिक्षा के परियोजना निदेशक ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि हर साल 3 दिसंबर को विश्व स्तर पर मनाया जाने वाला यह दिन जीवन के सभी पहलुओं में दिव्यांग व्यक्तियों की पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने की याद दिलाता है। उन्होंने दिव्यांग छात्रों के कल्याण के लिए समग्र शिक्षा की विभिन्न पहलों पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी।

इस अवसर पर मंत्री ने हाल ही में उड़ीसा में आयोजित अंजलि अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव के दौरान जम्मू-कश्मीर का नाम रोशन करने वाले कई छात्रों को भी सम्मानित किया। उन्होंने खेल और शिक्षा की विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों के बीच पदक और ट्राफियां भी वितरित कीं।

(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी

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