Uttrakhand

देशभक्ति और साहस का संगम : गढ़वाल राइफल्स में 201 अग्निवीरों का स्वागत, पासिंग आउट परेड के साथ नए सैनिक तैयार

भव्य पासिंग आउट परेड की झलक।
भव्य पासिंग आउट परेड की झलक।
भव्य पासिंग आउट परेड की झलक।
भव्य पासिंग आउट परेड की झलक।
भव्य पासिंग आउट परेड की झलक।
भव्य पासिंग आउट परेड की झलक।

– भव्य पासिंग आउट परेड ने पेश किया देशभक्ति और गर्व का अनोखा नजारा

– गौरवमयी क्षण, सैनिकों के माता-पिता को गौरव पदक से किया सम्मानित

देहरादून, 3 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भारत के वीरों की भूमि उत्तराखंड एक बार फिर गर्व से गौरवान्वित हुई, जब गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन में 201 अग्निवीरों ने अपनी अद्वितीय लगन और साहस का परिचय देते हुए भारतीय सेना में शामिल होने का गौरव प्राप्त किया। यह ऐतिहासिक अवसर गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल केंद्र के अशोक चक्र परेड ग्राउंड पर आयोजित भव्य पासिंग आउट परेड के दौरान देखने को मिला।

भव्य पासिंग आउट परेड ने देशभक्ति और गर्व का अनोखा नजारा पेश किया। 31 सप्ताह की कड़ी मेहनत और अनुशासन से भरे प्रशिक्षण के बाद 201 अग्निवीरों ने भारतीय सेना में शामिल होकर अपने जीवन की नई शुरुआत की। समारोह में देश की आन-बान और शान का जश्न मनाते हुए सैनिकों के माता-पिता को गौरव पदक से सम्मानित किया गया।

अग्निवीरों के भारतीय सेना में शामिल होने का यह गौरवमयी क्षण केवल उनका नहीं, बल्कि पूरे देश का है। इन युवा सैनिकों ने यह साबित कर दिया कि भारत का हर युवा अपने देश के प्रति समर्पित है और उसे सुरक्षित रखने के लिए हर चुनौती का सामना करने को तैयार है।

परेड के मुख्य अतिथि और समीक्षा अधिकारी गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल केंद्र के कमांडेंट ने परेड की सलामी ली और जवानों की हौसला-अफजाई की। समीक्षा अधिकारी ने कहा कि यह क्षण हर सैनिक के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण होता है और आप सभी को इस गौरवशाली दिन पर सेना में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। देश की सुरक्षा में योगदान देना न केवल एक जिम्मेदारी है, बल्कि हर भारतीय का सपना भी है। उन्होंने अग्निवीरों की दृढ़ता और साहस की सराहना की और उन्हें यह याद दिलाया कि भारतीय सेना का हिस्सा होना केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि देश के लिए समर्पण का प्रतीक है।

अभिभावकों और परिवारजनों का सम्मान

इस ऐतिहासिक समारोह को खास बनाने के लिए अग्निवीरों के माता-पिता और अभिभावकों को भी आमंत्रित किया गया था। जब उनके पुत्रों ने वर्दी में परेड करते हुए राष्ट्र के प्रति अपने समर्पण का प्रदर्शन किया तो माता-पिता के चेहरे पर गर्व और खुशी की झलक साफ देखी जा सकती थी। समीक्षा अधिकारी ने इन बहादुर युवाओं के परिवारजनों को गौरव पदक प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि केवल अग्निवीरों की नहीं है, बल्कि उन परिवारों की भी है जिन्होंने उन्हें सेना में भेजने का साहस दिखाया।

अग्निवीरों का कठिन प्रशिक्षण और भविष्य

इन 201 अग्निवीरों ने अपनी शारीरिक, मानसिक और सामरिक कौशल को उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। पासिंग आउट परेड ने उनके अनुशासन, साहस और कौशल का भव्य प्रदर्शन किया। अब ये युवा सैनिक सेना के विभिन्न अभियानों में देश की सुरक्षा के लिए तैयार हैं।

कार्यक्रम का विशेष आकर्षण

परेड के दौरान अशोक चक्र परेड ग्राउंड राष्ट्रभक्ति के भाव से गूंज उठा। जब जवानों ने कदमताल करते हुए अपने बल और साहस का प्रदर्शन किया तो हर व्यक्ति ने गर्व महसूस किया। इस अवसर पर सेना के बैंड ने देशभक्ति के धुन बजाकर माहौल को और भावुक बना दिया।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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