उदयपुर, 3 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सर्दी की खुराक मानी जाने वाली तिल्ली से बनने वाली जगळ की मांग सर्दी के चमकने के साथ ही बढ़ चली है। जगह-जगह लगे मेलों में इसके स्टाल नजर आ रहे हैं। जगळ बनाए जाने के साथ ही तिल्ली के तेल का भी उत्पादन हो रहा है। खास बात यह है कि शहर में भले ही जगळ मशीनी घाणी से बन रहा हो, लेकिन गांवों में वही देसी अंदाज में बैलों की घाणी से बन रहा है।
उदयपुर में भी जगह-जगह लगे मेलों में जगळ के स्टाल लगे हैं। जगळ सर्दियों में स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी मानी जाती है। तिल-गुड़ के मिश्रण के साथ सादी जगळ के साथ काजू और द्राक्ष से भरपूर विशेष जगळ भी बनती है। इसके अलावा, इसके साथ शुद्ध देशी तिल्ली का तेल भी निकलता है जो मक्की की बाटी और ढोकले जैसे व्यंजनों के साथ बेहद पसंद किया जाता है।
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(Udaipur Kiran) / सुनीता