कोलकाता, 03 दिसंबर (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) कोलकाता ने बांग्लादेश सरकार से अपील की है कि हिंदू संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास के मामले में वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। यह अपील तब आई जब दास के वकील रमन रॉय के घर में इस्लामवादियों के एक समूह ने हमला किया।
इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने सोमवार को बताया कि रमन रॉय की केवल गलती यह थी कि उन्होंने चिन्मय कृष्ण दास का बचाव किया। इस हमले में रॉय गंभीर रूप से घायल हो गए और वे आईसीयू में जीवन संघर्ष कर रहे हैं। उन्हाेंने कहा कि कोई भी नया वकील अभी तक उनका केस लड़ने के लिए सामने नहीं आया है। जो वकील लड़ना चाहते हैं, वे डरे हुए हैं कि उनके साथ भी वही हो सकता है जो रमन रॉय के साथ हुआ।
दास ने बांग्लादेश सरकार से अपील की कि जो वकील यह केस लड़ने के लिए आगे आना चाहते हैं, उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे लक्षित हमलों को सख्ती से रोका जाना चाहिए। यह स्थिति बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के न्याय की वकालत करने वालों के सामने खड़ी दुश्मनी को उजागर करती है।
चिन्मय कृष्ण दास, जो बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता थे, उनको गत सप्ताह सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। वे चटगांव में एक रैली में भाग लेने जा रहे थे। उन्हें जमानत से इनकार कर जेल भेज दिया गया।
बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर बात करते हुए दास ने कहा कि 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वहां हिंदुओं की आबादी लगभग 22 प्रतिशत थी। लेकिन हाल के दशकों में यह घटकर मात्र आठ प्रतिशत रह गई है। यह गिरावट मुख्य रूप से सामाजिक-राजनीतिक हाशिए पर रहने, हिंसा और पलायन के कारण हुई है।
राधारमण दास ने सोशल मीडिया पर लिखा, कृपया वकील रमन रॉय के लिए प्रार्थना करें। उनकी केवल ‘गलती’ यह थी कि उन्होंने चिन्मय कृष्ण दास का बचाव किया। इस्लामवादियों ने उनके घर को तहस-नहस कर दिया और उन पर बर्बर हमला किया। वे अब आईसीयू में हैं। इस मामले ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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(Udaipur Kiran) / ओम पराशर