गुवाहाटी, 2 दिसंबर (Udaipur Kiran) । चांद की खूबसूरती इस कदर है कि उसे छूने की चाहत सभी की होती है लेकिन लोग उसे निहार कर ही रह जाते हैं। चांद को निहारने की दिवानगी गुवाहाटी में चल रहे भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के 10वें संस्करण में भी खूब देखने को मिली। आईआईएसएफ 2024 में एक विशेष कार्यक्रम “चंद्रयान- द म्यूजियम ऑफ द मून” सभी के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गया है। इस सात मीटर व्यास वाले चांद के मॉडल को ब्रिटिश कलाकार डॉ. ल्यूक जेरम ने बनाया है। यह कलात्मक मॉडल चंद्रयान मिशन की सफलता को प्रदर्शित करता है। चंद्रमा के इस मॉडल में उसकी सतह की वास्तविक छवि दिखाई गई है, जिस पर 23 अगस्त, 2023 को चंद्रयान को उतारा गया था। इस महत्वपूर्ण उपलब्धी को बच्चों तक पहुंचाने में यह म्यूजियम सफल रहा है। इस महोत्सव में आने वाले सभी बच्चे, वैज्ञानिक, स्कॉलर, डेलिगेट और विदेशी मेहमानों ने इस चांद के साथ तस्वीरें खिंचवाई।
उल्लेखनीय है कि भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के 10वें संस्करण का आगाज शनिवार को आईआईटी गुवाहाटी में हुआ था। यह महोत्सव 4 दिसंबर तक चलेगा। इस वर्ष का थीम “भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना” रखा गया है। यह महोत्सव भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है, सहयोग को बढ़ावा देता है और युवा प्रतिभाओं को नवाचार के लिए प्रेरित करता है।
इस साल का महोत्सव वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद की अगुवाई में आयोजित हो रहा है जिसमें राष्ट्रीय अंतर्विभागीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान इसका समन्वय कर रहा है। आईआईएसएफ की शुरुआत 2015 में हुई थी और यह विज्ञान के साथ समाज को जोड़ने के लिए एक अनोखा मंच है, जो पेशेवरों और आम जनता दोनों के लिए गतिविधियां प्रदान करता है। यह पहली बार है जब यह महोत्सव भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में आयोजित हो रहा है।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी