नई दिल्ली, 02 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने सोमनाथ मंदिर के पास बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर गुजरात सरकार की ओर से दाखिल जवाब पर याचिकाकर्ताओं को अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय दे दिया है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हुफैजा अहमदी ने गुजरात सरकार के जवाब पर अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की जिसके बाद कोर्ट ने चार हफ्ते का समय देने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 4 अक्टूबर को सोमनाथ मंदिर के पास बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर हमें लगता है कि अधिकारियों ने कोर्ट की अवमानना की है तो हम न केवल उन्हें जेल भेजेंगे बल्कि वहां यथास्थिति फिर से बहाल करने का भी निर्देश देंगे।
सुप्रीम कोर्ट में दायर अवमानना याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के आदेश के बाद भी बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की कार्रवाई गई है। गिर सोमनाथ के कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई है।
बतादें कि 17 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आरोपितों को सजा देने के तौर पर इस्तेमाल हो रहे ‘बुलडोजर जस्टिस’ पर लगाम कसते हुए विभिन्न राज्यों में हो रही बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगली सुनवाई तक बिना कोर्ट की इजाजत के इस दरम्यान कोई बुलडोजर कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि कोर्ट ने साफ किया था कि अगर सार्वजनिक रोड़, फुटपाथ, रेलवे लाइन पर किसी भी तरह का अतिक्रमण है, तो वो हटाया जा सकता है। उसके हटाये जाने पर कोई रोक नहीं है।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा