-तालीम, भाईचारा, सामाजिक समरसता का दिया जा रहा है संदेश
भोपाल, 01 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ईंटखेड़ी में आयोजित मुस्लिम समाज के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन 77वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा के तीसरे दिन रविवार को भी सुबह से देर शाम उलेमाओं की तकरीर और बयान का सिलसिला जारी रहा। सुबह से रात तक चलने वाली इन तकरीरों में तालीम, भाईचारा, सामाजिक समरसता और अल्लाह की इबादत एवं फरमा बरदारी की ताकीद की गई। रविवार को इस मजमे में सात से आठ लाख लोग शामिल हुए, जिनमें देशभर की जमातों के अलावा करीब 23 विदेशी देशों के मेहमान भी शामिल हैं। विदेशी जमातियों के लिए थ्री लेयर सिक्योरिटी रखी गई है। यहां 50-50 वॉलेटियर इनकी देखरेख में है तो वही पुलिस भी पैनी नजर रख रही है।
इज्तिमा में दुनियाभर से आए मुसलमानों के बीच उलेमा इस्लामी शिक्षा, भाईचारे और सुधार का संदेश अपनी तकरीरों में दे रहे हैं। रविवार को मौलाना जमशेद साहब ने इस्लामी जीवन के विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डाली। उन्होंने ईमान की ताकत, इस्लामी अदब और दीन के प्रचार-प्रसार की अहमियत पर जोर दिया। मौलाना ने कहा कि दीन का काम केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह एक इबादत है, जो इंसान को अल्लाह के करीब ले जाती है।
इसी तरह मौलाना सईद साहब के बयान का केंद्र इस्लामी अखलाक और समाजी सुधार था। उन्होंने बताया कि इस्लाम सिर्फ इबादत का मज़हब नहीं, बल्कि यह इंसानी जिंदगी के हर पहलू को संभालने वाला मज़हब है। मौलाना ने मुसलमानों से अपील की कि वे अपने किरदार से इस्लाम का सच्चा संदेश दूसरों तक पहुंचाएं। अपनी तकरीर के दौरान मौलाना मंज़ूर साहब तौहीद और इख़लास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को हर समय अल्लाह पर भरोसा रखना चाहिए और अपने सभी कामों में उसकी रज़ा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
हर शाम मगरिब की नमाज के बाद होने वाली खास महफिल को दिल्ली मरकज से आए मौलाना सआद साहब कांधलवी संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने अपने उद्बोधन में सामाजिक समरसता पर जोर दिया। उनका बयान इस्लामी एकता और उम्मत के सुधार पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में मुसलमानों को अपनी खामियों को दूर कर आपसी इत्तेहाद को मजबूत करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि दीन के काम को बढ़ावा देने के लिए हर मुसलमान को अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभानी होगी।
लमी तब्लीगी इज्तिमा आयोजन के दौरान शहर के कई ऐसे बाशिंदें नजर आए, जो पूरे चार दिन लोगों के आने से लेकर लौटते तक की उनकी सभी व्यवस्थाएं करने में जुटे रहें। यह पहला मौका नहीं है, वे कई सालों से हर साल इज्तिमा आने जाने वाले लोगों की खिदमत करते हैं। उनका मुख्य काम भोपाल आए लोगों को इज्तिमागाह तक छोड़ना और खाने-पीने का इंतजाम करना होता है। तबलीग से सिखाई जाने वाली भलाई की बातें और खुद की जिंदगी में एक बेहतर अनुशासन कायम रखने की नीयत से लोगों का जमातों में निकलने का सिलसिला करीब सौ बरस पुराना हो चुका है। भोपाल इज्तिमा में पहुंचे लोगों में कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा जमातों में गुजार दिया है। साथ ही कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने दीन की इस महफिल को पहली बार अनुभव किया है।
मवार को दुआ के साथ होगा समापन
चार दिन के इज्तिमा का समापन सोमवार सुबह दुआ ए खास के साथ होगा। दुआ के लिए सुबह 9 बजे का वक्त मुकर्रर किया गया है। सुबह फजिर की नमाज के बाद मौलाना सआद साहब का खास बयान होगा। इस दौरान वे जमातों में निकलने वाले लोगों को इस सफर में अपनाए जाने वाले अखलाक, रखे जाने वाले ख्याल और किए जाने वाले काम समझाएंगे। इसके बाद सुबह करीब 9 बजे दुआ होगी। जिसके बाद लोग इज्तिमागाह से रुखसत होना शुरू हो जाएंगे। इज्तिमा प्रबंधन ने बताया कि दुआ के बाद इज्तिमा से करीब 2 हजार जमातें देशभर के लिए निकलेंगी।
– इज्तिमा आयोजन के चलते पुराने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सन्नाटे पसरे दिखाई दे रहे हैं। यहां बाजार बंद और लोगों की आवाजाही कम नजर आ रही है। इज्तिमा में शामिल विदेशी जमातों के साथ द्विभाषी भी मौजूद हैं, जो उन्हें उलेमाओं के बयान का सार समझा रहे हैं। इसी तरह मूक बधीर जमातियों को भी सांकेतिक भाषा में बयान समझाए जा रहे हैं। इज्तिमा समापन के बाद सोमवार को विभिन्न पार्किंग से वाहनों को बारी बारी से निकाला जाएगा। पैदल, दोपहिया, छोटे वाहन और बाद में भारी वाहनों के निकलने की व्यवस्था है, ताकि शहर के यातायात पर प्रभाव न पड़े। ताजुल मसाजिद में होने वाले आयोजन के दौर से इसी परिसर में एक बड़ा व्यापारिक मेला भी लगता आया है। गर्म कपड़ों के लिए मशहूर यह बाजार रस्ते का माल सस्ते में की तर्ज पर आकार लेता है। इसकी शुरुआत सोमवार शाम से होगी, जो करीब दो माह तक चलेगा।
(Udaipur Kiran) तोमर