Uttar Pradesh

शिवपुर में कलश यात्रा के साथ शुरू हुआ नौ दिवसीय दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ

नौ दिवसीय दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ
नौ दिवसीय दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में निकली कलश यात्रा: फोटो बच्चा गुप्ता

—फलहारी बाबा आश्रम में जुटे श्रद्धालु,महायज्ञ का समापन 9 दिसंबर को

वाराणसी,01 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । शिवपुर पंचक्रोशी चौथा पड़ाव स्थित फलहारी बाबा आश्रम में रविवार से नौ दिवसीय दिवसीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की शुरूआत हुई। महायज्ञ के पूर्व परम्परागत तरीके से यज्ञस्थल से कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में शामिल महिलाएं और पुरूष 05 किलोमीटर की दूरी तक नगर भ्रमण कर कलश में जल भर कर यज्ञ स्थल तक आए। कलश यात्रा में बैंडबाजे , घोड़े , डीजे के साथ भक्ति भरे भजनों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। कलश यात्रा के बाद यज्ञ अनुष्ठान के साथ श्रीमद् भागवत कथा भी शुरू हुई।

कथा वाचक शिवांगी किशोरी ने पहले ही दिन ज्ञानगंगा बहाई। उन्होंने श्रीमद भागवत कथा की महिमा को बताया। शिवांगी किशोरी ने कहा कि भागवत में ज्ञान, वैराग्य, भक्ति सभी का समन्वय है। मन की शुद्धि के लिए यह श्रेष्ठ साधन है। जिनका मन शुद्ध होता है वही भगवान के प्रिय होते हैं। कथा प्रसंग में उन्होंने कहा कि भगवान स्वयं ही कहते हैं कि मोही कपट छल छिद्र न भावा। भगवान का यही स्वरूप व भाव सत चित्त को आनंदित करने वाला होता है। कथा के प्रथम दिन महिला संत ने भागवत कथा के महात्मय को बताते हुए कहा कि ज्ञान व वैराग्य भक्ति के पुत्र हैं। सत्कर्म करने से ज्ञान व वैराग्य पुनः नवीन स्थिति को प्राप्त करते हैं। सत्कर्म से भक्ति भाव में अभिवृद्धि होती है तथा भक्ति भाव से सत्कर्म में बढ़ोतरी होती है। उन्होंने कहा कि भगवान भक्तों के कष्ट नहीं देख सकते। भक्तिमति मीरा व भक्त नरसी मेहता इसके उदाहरण है। भगवान तो भाव के भूखे हैं। कलश यात्रा और कथा में आयोजक विनोद कुमार दूबे, मंहत रामदास त्यागी, आंनद अग्रवाल, कमलेश केशरी,ओम प्रकाश चौरसिया, डॉ अजय मिश्रा, आचार्य जितेन्द्र तिवारी, रोहित शुक्ला, विशाल मिश्रा आदि ने भागीदारी की।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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