जयपुर, 30 नवंबर (Udaipur Kiran) । राज्य उपभोक्ता आयोग ने नेशनल हाईवे रोड पर गड्डे होने को गंभीर मानते हुए कहा है कि टोल लेने के बाद विपक्षी कंपनी का दायित्व है कि वह हाईवे रोड को दुरुस्त रखे। वहीं आयोग ने एनएचएआई की अपील खारिज करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग के 8 अप्रैल 2022 के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें विपक्षी पर 32,500 रुपये हर्जाना लगाते हुए वाहन मरम्मत राशि 9450 रुपये ब्याज सहित परिवादी को देने के लिए कहा था। आयोग के न्यायिक सदस्य अतुल कुमार चटर्जी व एसके जैन ने यह आदेश एनएचएआई की अपील पर दिया।
अधिवक्ता अभिमन्यु सिंह ने बताया कि परिवादी राजेन्द्र सिंह यादव 24 जून 2014 को अलवर से जयपुर कार से आ रहा था। इस दौरान सुबह 9.48 बजे उसने मनोहरपुर टोल प्लाजा पर 55 रुपये का टोल चुकाया और दौलतपुरा टोल प्लाजा पर 46 रुपये देकर जयपुर की ओर आगे बढा, लेकिन वहां से दो किलाेमीटर दूर हाईवे की टूटी रोड के कारण उसकी कार अनियंत्रित होकर उछल गई। इससे कार का टायर फट गया और पीछे की कमानी टूट गई व शौकर भी डैमेज हो गया। परिवादी ने वहां से कार टोचन कर उसे मैकेनिक के पास भिजवाया। कार की मरम्मत में 9450 रुपए का खर्चा आया। इसे परिवादी ने जिला उपभोक्ता आयोग-प्रथम में चुनौती देते हुए कहा कि रोड का टोल लेने के बाद उसे सही रखने का दायित्व कंपनी का है। इसलिए उसे विपक्षी से हर्जा-खर्चा दिलवाया जाए। जिला आयोग ने परिवादी के पक्ष में फैसला दिया। इसके खिलाफ एनएचएआई ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर की। जिस पर सुनवाई करते हुए राज्य आयोग ने जिला आयोग का फैसला बरकरार रख अपील खारिज कर दी।
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(Udaipur Kiran)