गोरखपुर, 29 नवंबर (Udaipur Kiran) ।डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग द्वारा व्यावसायिक शिक्षा में अनुसंधान और नवाचार विषय पर एक ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन किया गया था। यह कार्यक्रम 29 नवंबर को शुरू हुआ और 12 दिसंबर 2024 तक जारी रहेगा। देश भर के संकायों के ज्ञान और कौशल को सुदृढ़ और अद्यतन करने के मुख्य उद्देश्य के साथ जो प्रतिभागियों को अपने पेशेवर कौशल को बढ़ाने और शिक्षाविदों में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करता है। यह कार्यक्रम प्रतिभागियों के नैतिक और प्रेरणा को बढ़ावा देगा और उन्हें गतिशील कार्यस्थल की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम करेगा।
उद्घाटन सत्र की शुरुआत डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रमुख और डीन प्रो एस वी पाठक के स्वागत भाषण के साथ हुई। उसके बाद सत्र को प्रो. सुनीता मुर्मू (निदेशक, यूजीसी – एमएम टीसी, डीडीयू) ने संबोधित किया। उन्होंने रिफ्रेशर कोर्स के महत्व पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि कैसे एक गुणवत्तापूर्ण शोध और नवाचार समाज को हस्तांतरित कर सकता है और व्यक्ति को अपने पेशे में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद कर सकता है। उद्घाटन समारोह के सफल समापन के बाद सत्र की शुरुआत आर.के. सिंह (दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के पूर्व प्रमुख और डीन) ने की। उन्होंने “एआई और शिक्षा” विषय पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे एआई मानव को लाभ पहुंचा सकता है और कैसे इसका विवेकपूर्ण उपयोग शिक्षाविदों को एक नई दिशा प्रदान कर सकता है। हेलो ने प्रतिभागियों को चैटजीपीटी, ग्रामरली और मोक्सी जैसे एआई टूल्स के बारे में बताया। सत्र बहुत ही संवादात्मक था और अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में व्यावहारिक दृष्टिकोण प्रदान करने पर केंद्रित था। सत्र को आगे प्रो. के.के. अग्रवाल (वाणिज्य और प्रबंधन अध्ययन संकाय के पूर्व डीन/ प्रमुख और निदेशक) ने “शोध करने के लिए सामान्य सावधानियां” विषय पर जारी रखा। उन्होंने शोधकर्ताओं के बीच शोध करने के लिए बुनियादी आवश्यकता विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने प्रतिभागियों को शोध शीर्षक के उचित चयन के बारे में मार्गदर्शन दिया और बताया कि कैसे एक व्यापक साहित्य समीक्षा शोध अंतर की पहचान करने में मदद कर सकती है जो शोध कार्य की गुणवत्ता में सुधार करने की दिशा में काम करती है। सत्र का समापन प्रोफेसर मानस पांडे (वीबीएसपीयू, जौनपुर में प्रबंधन अध्ययन संकाय के पूर्व डीन) ने किया। उन्होंने व्यवसाय अनुसंधान के लिए खुद को कैसे तैयार करें विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने लेखन से पहले व्यापक अध्ययन की अवधारणा पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अनुसंधान केवल जानकारी के संग्रह से कहीं अधिक व्यापक अवधारणा है। यह ज्ञान के मौजूदा भंडार में कुछ नया जोड़ने की पूरी प्रक्रिया है।
—————
(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय