जयपुर, 29 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर में करीब दस हजार वर्गमीटर जमीन का स्कूल को हुए आवंटन में से कुछ जमीन बेचने के मामले में दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का हर्जाना भी लगाया है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ ने यह आदेश अंबेडकर नगर विकास समिति व अन्य की ओर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने माना कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक प्रकरण लंबित हैं और उसकी जानकारी अदालत में नहीं दी गई। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति जनहित याचिका दायर नहीं कर सकते। अदालत ने करीब नौ माह पहले याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था।
जनहित याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी ने अदालत को बताया कि अलवर में करीब दस हजार वर्ग मीटर जमीन का स्कूल के लिए आवंटन वोकेशनल एजुकेशन ट्रस्ट को हुआ था। ट्रस्ट ने यूआईटी में आवेदन कर इसका विभाजन करा लिया और एक हिस्सा पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल की पार्टनरशिप फर्म दिव्या इन्फोटेक को बेच दिया। वहीं फर्म ने यहां मुख्यमंत्री आवास योजना के लिए मंजूरी मांग ली। याचिका कहा गया कि स्कूल के लिए आवंटित भूमि का दूसरा उपयोग नहीं जा सकता। इसका विरोध करते हुए ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता शोभित तिवाडी ने कहा कि अदालत को याचिका की मेरिट पर जाने से पहले याचिकाकर्ताओं का आचरण देखना चाहिए। एक याचिकाकर्ता नीलेश खंडेलवाल ने वर्ष 2014 में सिंघल के खिलाफ एमएलए का चुनाव लडा था और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। जबकि अन्य याचिकाकर्ता हेमंत कुमार व अन्य के खिलाफ भी आपराधिक मामले हैं। जनहित याचिका की आड़ में ब्लैकमेलिंग, राजनीतिक हित और व्यक्तिगत हित साधे जा रहे हैं। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने जनहित याचिका को हर्जाने के साथ खारिज कर दिया है।
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(Udaipur Kiran)