रांची, 29 नवम्बर (Udaipur Kiran) । एसीबी के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार सिंह की अदालत में 1995 में वन विभाग के कीटनाशक दवा घोटाला मामले में सुनवाई हुई। साक्ष्य के अभाव में अदालत ने वन विभाग के अधिकारी, सप्लायर सहित आठ आरोपितों को बरी कर दिया। इस मामले में 14 आरोपित ट्रायल फेस कर रहे थे। इस दौरान छह आरोपितों का निधन हो गया था।अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक बीके सहाय तथा बचाव पक्ष की ओर से प्रकाश चंद्रा, दीपक कुमार ने बहस की।
अधिवक्ता प्रकाश चंद्रा व दीपक कुमार ने बताया कि मामले में गाड़ोदिया परिवार के ओम, विजय, विमल, अशोक गड़ोदिया, प्रणव कुमार सेन, अंजनी कुमार सिंह, रामवृद्ध ठाकुर, बसंत मिस्त्री सहित अन्य आरोपित ट्रायल फेस कर रहे थे। पौधे में कीटनाशक दवा खरीद का टेंडर निकला था। सप्लायरों ने कीटनाशक दवा की जगह राख सप्लाई कर दिया था। इसमें वन विभाग के अधिकारियों के अपने पद का दुरुपयोग और मिलीभगत की बात सामने आयी थी। मामला सामने आने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे