West Bengal

पूर्व रेलवे ने एसी कोचों में लगाए उन्नत अग्नि सुरक्षा उपकरण

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कोलकाता, 29 नवंबर (Udaipur Kiran) । पूर्व रेलवे ने अपनी लंबी दूरी की ट्रेनों के सभी वातानुकूलित (एसी) कोचों में अग्नि और धुआं पहचान प्रणाली (एफएसडीएस) और अग्नि पहचान-सह-ब्रेक प्रणाली (एफडीबीए) स्थापित कर दी है। इन आधुनिक उपकरणों का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाना है।

पूर्वी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने शुक्रवार को बताया, यह एक उन्नत प्रणाली है, जो हल्के से हल्के धुएं को भी पहचान सकती है। सेंसर स्वत: सक्रिय हो जाते हैं और आपातकालीन प्रक्रियाओं को शुरू करते हुए अलार्म बजाते हैं। यदि स्थिति नियंत्रण में नहीं आती, तो ब्रेक स्वत: लग जाते हैं, जिससे ट्रेन रुकती है और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकता है।

उन्होंने बताया कि यह प्रणाली यात्रा के दौरान लगातार सक्रिय रहती है और हवा के नमूनों का विश्लेषण करके धुएं के संकेतों की पहचान करती है। यदि आग का खतरा बढ़ता है, तो एफडीबीए सिस्टम स्वत: ट्रेन को रोक देता है। ट्रेन स्टाफ को इस दौरान बहु-स्तरीय अलार्म के माध्यम से सतर्क किया जाता है।

मित्रा ने यह भी बताया कि अलर्ट चरण में अग्नि पहचान पैनल पर एक एलईडी लाइट चमकने लगती है। जब कार्रवाई शुरू होती है, तो प्रभावित कोच के पैनल पर फ्लैशर लाइट सक्रिय हो जाती है। आग की पुष्टि होने पर ब्रेक स्वत: लागू हो जाते हैं। ब्रेक लगने के 55 सेकंड बाद दृश्य और श्रव्य अलार्म, जैसे हूटर या बजर, चालू हो जाते हैं।

सुरक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भविष्य में यह प्रणाली गैर-एसी कोचों में भी लगाई जाएगी। पहले एसी कोचों को प्राथमिकता दी गई क्योंकि इनमें बंद स्थान होने के कारण दम घुटने का खतरा अधिक होता है।

उन्होंने बताया, चलती ट्रेनों में आग की घटनाओं को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। ज्वलनशील पुर्जों और फिटिंग्स को बदला गया है। ये उन्नत उपकरण 24 घंटे सक्रिय रहकर यात्रियों को सुरक्षा का भरोसा देंगे। हमारा लक्ष्य हर यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाना है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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