CRIME

न्यायालय के आदेश पर हैलट अस्पताल के दो डॉक्टरों समेत 21 के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुए मुकदमें का प्रतीकात्मक छाया चित्र

कानपुर,28 नवंबर (Udaipur Kiran) । स्वरूप नगर थाने में न्यायालय के आदेश पर गुरुवार को हैलट अस्पताल के दो डॉक्टरों समेत 21 लोगों के खिलाफ बलवा, मारपीट, गाली, धमकी, धोखाधड़ी, षडयंत्र रचने, लापरवाही, चोरी की समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। यह मुकदमा पीड़ित तीमारदार की तहरीर पर पंजीकृत किया गया है।

अपर पुलिस उपायुक्त मध्य महेश कुमार ने बताया कि कानपुर देहात के थाना राजपुर ग्राम कमालपुर निवासी अशोक कुमार की तहरीर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। वारदात के संबंध में जानकारी देते हुए तहरीर में पीड़ित अशोक कुमार ने बताया कि 5 अक्टूबर 2022 की दोपहर लगभग एक बजे उसकी मां राजकुमारी खेत में जानवरों के लिए चारा काट रही थी। उसी दौरान गांव के कैलाश, शानू , गौरव, हर्षित, पुष्पा, बिट्टो, पप्पू, शिवम उर्फ सीपू ने कुल्हाड़ी, लाठी डंडा, हसिया से जानलेवा हमला कर अर्धनग्न कर मरणासन्न कर दिया।

पुलिस की मदद से परिजनों ने उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर पहुंचाया। जहां से डॉक्टरों ने महिला काे जिला अस्पताल अकबरपुर रेफर कर दिया। लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से वहां से उसे हैलट अस्पताल रेफर कर दिया था। अशोक ने दर्ज एफआईआर में बताया कि इस पर आरोपियों के खिलाफ थाना राजपुर में एफआईआर दर्ज कराई गई।

उसने बताया कि जब मां को वह अन्य परिजनों के साथ लेकर हैलट अस्पताल पहुंचा तो वहां पर आकस्मिक विभाग ड्यूटी प्रभारी डॉ आशीष श्रीवास्तव को मूल मेडिकोलीगल, रेफर स्लिप समेत अन्य संपूर्ण प्रपत्रों को दिया गया था। सारे दस्तावेजों को एक साथ कर डॉक्टर ने अपने पास रख लिया और मां को भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया।

पीड़ित अशोक ने दर्ज एफआईआर में बताया कि आरोपियों का एक रिश्तेदार अभिषेक यादव हैलट में नौकरी करता था। जो वहां के डॉक्टरों और उच्च अधिकारियों से परिचित था। उसने अपने रिश्तेदारों की मदद करते हुए गौरव, शिवम उर्फ शीपू तथा एक अज्ञात शख्स के साथ मिलकर मां की मृत्यु करवाने की कोशिश की। आशंका होने पर मां की छुट्टी करवा दी जबकि उनकी हालत गंभीर थी। अशोक ने बताया कि इसके बाद मां को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। बेटे ने एफआईआर में आरोप लगाया कि हैलट में अपने रिश्तेदार डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर करके उसकी मां के इलाज के सभी दस्तावेज और रिपोर्ट गायब करा दिए गए और उनके स्थान पर फर्जी दस्तावेज रख दिए गए।

पीड़ित अशोक के अनुसार उसने खुद हैलट के प्रमुख अधीक्षक से मिलकर शिकायत की। वह शिकायत दर्ज करा बाहर निकला तो आरोपियों ने उसे बेरहमी से मारापीटा। इस घटना की शिकायत उसने पुलिस से की लेकिन कोई सुनवाई हुई। जिसके बाद पीड़ित ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। इस संबंध में न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि न्यायालय के आदेश पर हैलट के डॉ सुबोध यादव, डॉ अशोक वर्मा, विनय कुमार, अमित दुबे, शालिनी यादव, गौरव, शानू, कैलाश, शिवम, पप्पू व 10 अज्ञात के खिलाफ बलवा, मारपीट, गाली , धमकी, धोखाधड़ी, षडयंत्र रचने, लापरवाही, चोरी की धारा में एफआईआर दर्ज की गई है।

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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल

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