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निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

Suprem Court File Photo

नई दिल्ली, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड सरकार ने देवघर हवाई अड्डे पर मार्च 2023 में उड़ान भरने के लिए दबाव बनाने के मामले में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने झारखंड सरकार को उस आदेश की प्रति दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें जांच जारी रखने के लिए संबंधित प्राधिकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी।

सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार ने कहा कि इस मामले में जांच जारी रखने के लिए संबंधित प्राधिकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। झारखंड सरकार की इस दलील का निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस मामले में जांच जारी रखने के लिए संबंधित प्राधिकार से अनुमति लेनी जरूरी है और इसी आधार पर हाईकोर्ट ने फैसला दिया था।

दरअसल झारखंड हाईकोर्ट ने 13 मार्च 2023 को शाम के समय उड़ान भरने के लिए दबाव बनाने के मामले में निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और दूसरे आरोपितों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश को झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी पर आरोप है कि इन्होंने देवघर हवाई अड्डे पर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया। उन्होंने एटीसी पर शाम में निजी विमान को उड़ान भरने के लिए दबाव बनाया था।

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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