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पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर दो दिसंबर को अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में आरोपित और पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि ईडी की दोष सिद्धि दर बहुत खराब है। ऐसे में आरोपित को कितने लंबे समय तक हिरासत में रखेंगे। कोर्ट ने सीबीआई और ईडी से मामले की विस्तृत जानकारी दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को करने का निर्देश दिया।

पार्थ चटर्जी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस मामले के ट्रायल में देरी होगी क्योंकि 183 गवाह हैं। इस मामले में आरोपित अधिकतम सात साल की सजा का एक तिहाई हिरासत में पहले ही काट चुका है। आरोपित 73 साल के हैं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं। दूसरे आरोपित को जमानत मिल रही है। उस महिला आरोपित को भी दो दिन पहले जमानत दे दी गई जिसके घर से पैसे मिले थे।

ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पार्थ बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त थे, जिससे करीब 50 हजार अभ्यर्थी प्रभावित हुए। पार्थ चटर्जी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और अगर रिहा हुए तो वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

कोर्ट ने एक अक्टूबर को ईडी को नोटिस जारी किया था। पार्थ की जमानत याचिका इसके पहले कलकत्ता हाई कोर्ट खारिज कर चुका है। हाई कोर्ट ने पाया था कि ईडी ने चटर्जी से जुड़े परिसरों से 54.88 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की।

(Udaipur Kiran) /संजय कुमार

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(Udaipur Kiran) / पवन कुमार

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