जयपुर, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने विद्यार्थियों में नशे की सप्लाई को लेकर प्रसंज्ञान लिया है। इसके साथ ही प्राधिकरण ने जिला स्तरीय गठित विशेष इकाइयों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
प्राधिकरण के सदस्य सचिव हरिओम अत्री ने कहा है कि विशेष इकाइयों अपने क्षेत्र में नशे के आदि बालकों की पहचान करें और उन्हें नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराए। वहीं मनोचिकित्सकों और डॉक्टर के साथ मिलकर नियमित संवेदनशील कार्यक्रमों का संचालन करे। सदस्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि आमजन व बालकों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाए। इसके अलावा दवा विक्रेताओं को जागरूक किया जाए कि वे बिना डॉक्टर की पर्ची के कोई दवा नहीं दें। सदस्य सचिव ने इकाइयों को कहा है कि नशा मुक्ति केन्द्रों में आधारभूत सुविधाओं को लेकर निरीक्षण किया जाए और पाई जाने वाली कमियों को दूर किया जाए। इसके अलावा यदि इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से जारी किसी नियम की अवहेलना होती है तो पुलिस प्रशासन से समन्वय कर उचित आपराधिक कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है कि हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स प्रकाशित हुई थी, जिसमें बताया गया था कि कोटा में एकाग्रता बढाने की गोली के बहाने विद्यार्थियों को ड्रग्स उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी तरह सीकर में पांच सौ रुपये में स्मैक बिक रही है। वहीं जोधपुर में भी कोचिंग संस्थानों के पास एमडी ड्रग्स बेचने का खुलासा किया गया था।
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(Udaipur Kiran)