गाजियाबाद, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । जिला जज की अदालत में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर वकील सीधे-सीधे दो फाड़ दिख रहे हैं। बुधवार को एक पक्ष के वकीलों ने दूसरे पक्ष के वकीलों को काम नहीं करने दिया और उनका रास्ता रोककर धरने पर बैठ गए। जिसके चलते बुधवार को भी कोर्ट में काम नहीं हो सका और वादकारी बैरंग लौटने को मजबूर दिखे।
आपको बता दें कि सोमवार को बार एसोसिएशन की ओर से हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आश्वासन पर आंदोलन को स्थगित करने का प्रस्ताव पास किया गया था लेकिन वकीलों में इस फैसले को लेकर उसी दिन से रोष है।
मंगलवार को बार एसोसिएशन ने वरिष्ठ अधिवक्ता की मृत्यु हो जाने पर काम से विरत रहने का ऐलान किया था, इसके साथ ही एसोसिएशन की ओर से पास किए गए प्रस्ताव में बुधवार से काम शुरू करने की बात कही गई थी, लेकिन आंदोलन स्थगन के फैसले पर अधिवक्ताओं ने रोष जाहिर करते हुए दोपहर बाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा के पुतले का दहन किया था।
बार कार्यकारिणी की उपाध्यक्ष अधिवक्ता शबनम खान बुधवार को हड़ताल स्थगन के फैसले के विरोध में उतर आईं। उन्होंने बार में भी नाराज अधिवक्ताओं के साथ आंदोलन स्थगित करने के फैसले पर विरोध जताया।
29 अक्टूबर को गाजियाबाद जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में वकीलों के साथ हुई तीखी नोंकझोक के बाद पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज कर दिया गया था। कोर्ट रूम में लाठीचार्ज के बाद घटना के विरोध में वकील चार नवंबर से बेमियादी हड़ताल पर हैं।
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(Udaipur Kiran) / फरमान अली