Uttrakhand

बाल विवाह बचपन के लिए अभिशाप: कुसुम कण्डवाल

बाल विवाह रोकने के लिए शपथ दिलातीं उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग  की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल।

– उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग ने बाल विवाह रोकने की शपथ दिलाई

देहरादून, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग ने बुधवार को लाेगाें काे बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए हरसंभव प्रयास करने की शपथ दिलाई। अधिकारियों ने भी बाल विवाह रोकने के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने और इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए हरसंभव कदम उठाने का संकल्प लिया।आयोग के कार्यालय में आयोजित इस शपथ कार्यक्रम में राज्य महिला आयाेग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा कि बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है और यह बच्चों के बचपन, उनके अधिकारों और उनके भविष्य पर गहरा आघात करता है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत इस अपराध को करने, इसे प्रोत्साहन देने या इसमें किसी भी प्रकार की सहायता करने वाले व्यक्ति को दो साल तक की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। कुसुम कण्डवाल ने कहा कि बाल विवाह को समाप्त करने के लिए सभी काे संकल्प लेना चाहिए। कम उम्र में विवाह बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। कार्यक्रम में आयाेग की अध्यक्ष कण्डवाल ने बाल विवाह को रोकने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्हाेंने 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के या लड़कियों का विवाह न करने और ऐसे किसी आयोजन में भाग न लेने की शपथ दिलाई। इस अवसर पर सदस्य सचिव उर्वशी चौहान, विधि अधिकारी दयाराम सिंह, प्रशासनिक अधिकारी नारायण तोमर, उपनिरीक्षक स्वाति चमोली, कांस्टेबल अशोक कुमार और आधार वर्मा सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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