जोधपुर, 27 नवम्बर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को निस्तारित करते हुए पाली जिला कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि नाबालिग बच्ची को मुफ्त में आगे की शिक्षा के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जाए। वरिष्ठ न्यायाधीश श्रीचन्द्रशेखर व न्यायाधीश मदन गोपाल व्यास की खंडपीठ के समक्ष पाली जिले के रोहट थाने में दर्ज एक मुकदमे को लेकर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पेश की गई थी।
अधिवक्ता आईदान चौधरी ने याचिका पेश करते हुए नाबालिग बच्ची के पिता की ओर से पैरवी की। इस दोरान रोहट पुलिस ने नाबालिग को तलाश कर कोर्ट के समक्ष पेश कर दिया। कोर्ट में बच्ची ने बताया कि वह अपने माता पिता के साथ जाने को तैयार है, लेकिन वह आगे पढऩा चाहती है। उसके परिजन गरीबी की वजह से शिक्षा नहीं दिला पाएंगे। इस पर कोर्ट भी काफी गंभीर व संवेदनशील नजर आया। कोर्ट ने पाली जिला कलेक्टर को बच्ची की पढ़ाई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने कहा कि जिला कलेक्टर को बच्ची की आगे की शिक्षा के लिए उनके पास उपलब्ध निधियों से आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए, जिसमें मुख्यमंत्री हमारी बेटियां योजना और मुख्यमंत्री राजश्री योजना भी शामिल हैं। कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि इन योजनाओं में तीन हजार रुपये प्रतिमाह या राजस्थान राज्य के समाज कल्याण विभाग की योजनाओं के अनुसार उसके लिए पढ़ाई की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वे बच्ची को उनके माता पिता को सुपुर्द करें। इसके साथ ही याचिका निस्तारित कर दी।
(Udaipur Kiran) / सतीश