RAJASTHAN

हनुमान बेनीवाल की भाषा राजस्थानी संस्कृति के अनुरुप नहीं : लक्ष्मीकांत भारद्वाज

हनुमान बेनीवाल जिस तरीके की भाषा अन्य पार्टी के नेताओ के लिए उपयोग में लेते है वो राजस्थान की संस्कृति नहीं है : लक्ष्मीकांत भारद्वाज

जयपुर, 26 नवंबर (Udaipur Kiran) । भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि हनुमान बेनीवाल ख़ुद सांसद है और उन्हें कानून दायरे में रहते हुए ही बयानबाजी करनी चाहिए। बेनीवाल को स्वयं भी अनुशासन में रहना चाहिए और ख़ुद की पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी अनुशासन में रहना सिखाना चाहिए ना की उन्हें हुडदंग करने के लिए उकसाना चाहिए । ग़ौरतलब है कि आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने भाजपा के प्रदेश प्रभारी के लिए अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें हानि पहुचाने के लिए अपनी पार्टी आरएलपी के कार्यकर्ताओं को उकसाया था ।

भारद्वाज ने कहा कि कहा कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी के खिलाफ ऐसे अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करना हनुमान बेनीवाल को शोभा नहीं देता है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हू। प्रदेश प्रभारी राजस्थान के अतिथि है ऐसे में बेनीवाल को अतिथि सत्कार की परम्परा को देखते हुए इस तरह की अमर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए था। राजस्थान में पधारो म्हारे देस की भावना रखते हुए अतिथि सत्कार किया जाता है परंतु बेनीवाल ने प्रदेश के अतिथि और प्रदेश प्रभारी के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करके राजस्थान प्रदेश की छवि को भी धूमिल करने का प्रयास किया है ।

भारद्वाज ने कहा कि बेनीवाल जिस तरीके की भाषा अन्य पार्टी के नेताओ के लिए उपयोग में लेते है वो राजस्थान की संस्कृति नहीं है ।उन्हें राजस्थान की संस्कृति को ध्यान में रखते हुए मर्यादित रहकर राजनैतिक बयानबाजी करनी चाहिए। बेनीवाल स्वयं सांसद है उन्हें इस तरीके की भाषा बोलना शोभा नहीं देता है।

भारद्वाज ने कहा कि बेनीवाल जैसे नेता जीत के बाद अहंकार और दंभ से भर जाते हैं लेकिन हार शालीनता से स्वीकार ना करते हुए जनता के मुंह पर दरवाज़ा बंद कर देते हैं। बेनीवाल को हार को शालीनता से स्वीकार करना चाहिए यही लोकतंत्र की सुंदरता है और अपने कार्यकर्ताओं को भी कानून की दुहाई देते हुए अनुशासन में रहने का पाठ पढ़ाना चाहिए।

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(Udaipur Kiran)

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