Haryana

राेहतक में किसानों व मजदूरों ने किया चेतावनी प्रदर्शन, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

फोटो कैप्शन 26आरटीके3 : शहर में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते किसान व मजदूर संगठनों के सदस्य ---

सरकार को दी चेतावनी, प्रदर्शनकारी बोले, अगर सरकार ने मांगे पूरी नहीं की तो जल्द दोबारा से होगा फिर आंदोलन

रोहतक, 26 नवंबर (Udaipur Kiran) ।संयुक्त किसान मोर्चा व केन्द्रीय टे्रड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर मंगलवार को विभिन्न किसान मजूदरों व कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर शहर में प्रदर्शन किया और प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। किसान सभा जिला प्रधान प्रीत सिंह ने बताया कि आज ही के दिन किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच किया था और आंदोलन 13 महीने चला, जिसके बाद केन्द्र सरकार व किसानों के बीच लिखित में समझौता हुआ था, लेकिन आज तक सरकार ने स्वीकृत समझौते को लागू नहीं किया है, जिसके चलते संयुक्त किसान मोर्चा व केन्द्रीय टे्रड यूनियनों के आह्वान पर सरकार के खिलाफ चेतावनी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। इसी के तहत आज यह रोष प्रदर्शन कर सरकार को चेताया गया है कि अगर जल्द स्वीकृत मांगों को पूरा नहीं किया तो आंदोलन दोबारा से शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी विभागों का तेजी से निजीकरण कर रही है, जिसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। प्रदर्शन में सीटू से भगत सिंह, बीकेयू से जयभगवान, राजेंद्र तोमर, खेत मजदूर यूनियन से रामचंद्र बैंसी, किसानी प्रतिष्ठा मंच से सुशीला , सर्व कर्मचारी संघ से सुमेर सिवाच, वीरेंद्र सिंगरोहा सहित काफी संख्या में किसान व मजदूर शामिल हुए।

किसान व मजदूरों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में सभी फसलों के लिए सी-2+50त्न पर एमएसपी घोषित करने, चार लेबर कोड को रद्द, सभी मजदूरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 26 हजार रुपये प्रति माह का न्यूनतम वेतन, निर्माण मजदूर के लिए बने कल्याण बोर्ड में लगाई जा रही मनमानी शर्तों और भ्रष्टतंत्र पर सख्त कार्रवाई करने एवं सभी निर्माण एवं मनरेगा मजदूरों का बोर्ड के तहत पंजीकरण सुनिश्चित करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए सर्वसमावेशी ऋण मुक्ति, किसानों और मजदूरों के लिए कम ब्याज दरों पर ऋण सुविधाएं सुनिश्चित करने, घरेलू उपयोगकर्ताओं और दुकानों को प्रतिमाह तीन सौ यूनिट मुफ्त बिजली देने, डिजिटल कृषि मिशन, राष्ट्रीय सहयोग नीति और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ आईसीएआर समझौते, जो राज्य सरकारों के अधिकारों का अतिक्रमण करते हैं और कृषि के निगमीकरण को बढ़ावा देते हैं, को खत्म करने, मनरेगा में दो सौ दिन काम और 700 रुपये प्रतिदिन मजदूरी देने, शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी कानून लागू करने व 60 वर्ष की आयु में दस हजार रुपये मासिक पेंशन सुनिश्चित करने व डीएपी,यूरिया की कमी दूर कर किसानों को खाद उपलब्ध करवाने की मांग की।

—————

(Udaipur Kiran) / अनिल

Most Popular

To Top