Uttrakhand

ग्राफिक एरा में कृषि व पशुधन में नवाचार व नई तकनीकों पर मंथन

कृषि व पशुधन में नवाचार व नई तकनीकों पर आयोजित पांच दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ करते अति​थि।

ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

देहरादून, 25 नवंबर (Udaipur Kiran) । ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में कृषि व पशुधन में नवाचार व नई तकनीकों पर पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ। सोमवार को सम्मेलन के मुख्य अतिथि जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान अल्मोड़ा के निदेशक डॉ. सुनील नौटियाल ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में तेजी से हो रहे बदलाव जंगल से मिलने वाले प्राकृतिक संसाधनों को खत्म कर रहे हैं। यह संसाधन कृषि क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

डॉ नौटियाल ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों का पारिस्थिति तंत्र नाजुक, विविध व अनोखा है। जलवायु परिवर्तन यहां के पेड़ पौधों को नष्ट कर रहा है। पुराने समय से ही हिमालय में बसे समुदाय पारम्परिक और प्रथाओं पर आधारित तरीकों से खेती करते आये हैं। ये प्रथाएं समय के साथ विलुप्त हो रही हैं। छात्र-छात्राओं से नई तकनीकों व शोध की मदद से इन प्रथाओं को संरक्षित करने का आह्वान किया।

सम्मेलन में उत्तराखंड काउंसिल फार बायोटेक्नोलाॅजी के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि कृषि भूमि से मिलने वाला अनाज देश की बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। यहां की भूमि में जरुरी पोषक तत्वों की कमी भी एक गम्भीर समस्या है। उन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए नई तकनीकों की मदद से एक बेहतर रणनीति तैयार करने पर जोर दिया।

ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजय जसोला ने कहा कि तकनीक मनुष्य के जीवन का अहम हिस्सा बन रही है। इसका उपयोग कृषि व पशुधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जाना चाहिए। छात्र-छात्राओं के लिए नवाचार, नये कौशल के साथ ही नई तकनीकें सीख कर आगे बढ़ना बहुत जरूरी है। सोसायटी फोर प्लांट रिसर्च के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. एसके भटनागर ने छात्र-छात्राओं से शोध पत्रों की संख्या की बजाए गुणवत्ता पर ध्यान देने की बात कही।

पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन सोमवार को सुविनियर व एब्सट्रैक्ट बुक का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी और उत्तराखण्ड काउंसिल फोर बायोटेक्नोलाॅजी के बीच एक एमओयू हुआ। सम्मेलन में कुलपति डॉ. संजय जसोला को डिसटिंगगुइश्ड लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड उन्हें सोसायटी फोर प्लांट रिसर्च की ओर से डॉ. एसके भटनागर ने दिया। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर ने यूरोपियन बायोइनफोरमेटिक्स इंस्टीट्यूट कैम्ब्रिजशायर,यूनाईटेड किंगडम के सहयोग से किया। कार्यक्रम संयोजक व स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर के डीन डॉ. एमके नौटियाल ने धन्यवाद दिया। सम्मेलन में एचओडी डॉ. अरविन्द सिंह नेगी, डॉ. बलवन्त रावत, यूरोपियन बायोइनफोरमेटिक्स इंस्टीट्यूट के जार्ज बतिस्ता दा रोका व लुईस पावला मीराबुएनो के साथ विशेषज्ञ, शोधकर्ता, शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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