नई दिल्ली, 25 नवंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू कश्मीर टेरर फंडिंग मामले के आरोपित और बारामूला के सांसद रशीद इंजीनियर ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर संसद के सत्र में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है। प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज विमल यादव ने एनआईए से जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।
सोमवार को सुनवाई के दौरान एनआईए और रशीद इंजीनियर दोनों की ओर से कहा गया कि फिलहाल इस मामले को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर नहीं किया जाए। रशीद इंजीनियर ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये कोर्ट में पेश होकर कहा कि मुझे लोगों ने चुना है और संसद के पिछले सत्र में मुझे हिस्सा नहीं लेने दिया गया। रशीद ने हाथ जोड़कर कहा कि उसे संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए अंतरिम जमानत दी जाए।
इसके पहले एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने 21 नवंबर को रशीद इंजीनियर से जुड़े मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज को भेजने का आदेश दिया था।
एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने कहा था कि इस मामले के आरोपित रशीद इंजीनियर अब सांसद हो चुके हैं, इसलिए इस मामले की सुनवाई उस कोर्ट में ट्रांसफर होनी चाहिए, जो एमपी-एमएलए से संबंधित मामलों की सुनवाई करती है।
रशीद इंजीनियर ने 28 अक्टूबर को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था। 10 सितंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने रशीद इंजीनियर को जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दी थी। उसके बाद से कोर्ट ने रशीद इंजीनियर की दो बार अंतरिम जमानत बढ़ाई थी। रशीद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है। रशीद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था।
पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, रशीद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया। 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई।
एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया। इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह