कोलकाता, 25 नवंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल विधानसभा की मदारीहाट सीट पर भाजपा उम्मीदवार की हार के बाद राज्य विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या घटकर 66 रह गई है। शनिवार को घोषित हुए इस उपचुनाव के नतीजों में तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की, जिससे विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस विधायकों की कुल संख्या बढ़कर 227 हो गई है।
294 सदस्यीय विधानसभा में ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआईएसएफ) का केवल एक प्रतिनिधि है, जबकि कांग्रेस और वाम मोर्चे का कोई भी प्रतिनिधि नहीं है।
2021 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, कुछ महीनों के भीतर यह संख्या घटकर 75 हो गई। इसके पीछे प्रमुख कारण भाजपा के दो विधायकों का इस्तीफा था। दिनहाटा (कूचबिहार) से निशिथ प्रमाणिक और शांतिपुर (नदिया) से डॉ. जगन्नाथ सरकार ने विधायक पद से इस्तीफा देकर अपनी संसदीय सीटें बरकरार रखी थीं।
उसी वर्ष हुए उपचुनावों में भाजपा इन दोनों सीटों पर हार गई। इसके बाद, छह अन्य भाजपा विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। इनमें कृष्णानगर (उत्तर) से मुकुल रॉय, बगदा (उत्तर 24 परगना) से बिस्वजीत दास, बिष्णुपुर (बांकुड़ा) से तन्मय घोष, कालियागंज (उत्तर दिनाजपुर) से सौमेन रॉय, रायगंज (उत्तर दिनाजपुर) से कृष्णा कल्याणी और अलीपुरद्वार से सुमन कंजीलाल शामिल हैं। पालाबदल के चलते भाजपा की संख्या घटकर 69 रह गई।
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2023 में और गिरावट
2023 में धूपगुड़ी विधानसभा सीट पर भाजपा विधायक बिष्णुपद रॉय के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भी पार्टी हार गई, जिससे संख्या घटकर 68 रह गई। इसके बाद अक्टूबर 2023 में कोतुलपुर (बांकुड़ा) से भाजपा विधायक हरकाली प्रतिहारी के तृणमूल में शामिल होने से यह संख्या 67 पर पहुंच गई।
अब मदारीहाट उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार की हार ने पार्टी की संख्या को और कम कर दिया है। इस हार के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में भाजपा विधायकों की कुल संख्या केवल 66 रह गई है।
इस दौरान तृणमूल कांग्रेस की ताकत बढ़ती जा रही है, और वह राज्य में अपनी पकड़ को मजबूत बनाए हुए है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर