मंडी, 24 नवंबर (Udaipur Kiran) । सत्ता से बेदखल हुए लोग सुबह से शाम तक लोगों में सरकार की छवि खराब करने में लगे हुए हैं। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्षी दलों ने हिमाचल के हितों के साथ सदैव खिलवाड़ किया है और जब जनता ने उनके नेतृत्व को नकार दिया तो वे हिमाचल प्रदेश को बदनाम करने के लिए दिनरात एक कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कभी कहते हैं कि हिमाचल भवन कुर्क हो रहा है। वर्तमान प्रदेश सरकार दिल्ली स्थित हिमाचल भवन सहित प्रदेश की संपदा की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प है। हिमाचल भवन हिमाचल की प्रतिष्ठा है, इस पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी, आप चाहे उल्टे भी लटक जाओ हिमाचल भवन को कोई कुछ नहीं कर सकता है, अभी मामला अदालत में चल रहा है।
उन्होंने कहा कि आजकल खबरें नहीं शगूफे आ रहे हैं। बोले मुख्यमंत्री तो समोसे खाते नहीं हैं, हां मैं खा लेता हूं और उसी पर चुनाव घुमाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को पेंशन व वेतन समय पर प्रदान किया गया है और विपक्षी दल कर्मचारियों को भडक़ाना बंद करें। निगम कर्मचारियों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लगभग 9 करोड़ रुपए के बिल क्लीयर किए गए हैं। जबकि चालक-परिचालकों को ओवरटाईम के भुगतान पर आगामी मार्च माह तक लगभग 100 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि परिवहन निगम हर रोज लगभग पांच लाख लोगों को दूरदराज क्षेत्रों तक परिवहन सुविधा उपलब्ध करवा रहा है और इसके आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि हम विकास व कल्याण की राजनीति करते हैं। जबकि कुछ लोग टोपियों की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा कि टोपी तो हिमाचल की है, उसमें हिमाचलियत नज़र आती है। हिमाचल में सामाजिक रिश्तों की बुनियाद टोपी ही है।
मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि डा. वाईएस परमार और वीरभद्र सिंह अलग श्रेणी के नेता थे। डा. परमार जिन्होंने हिमाचल को बनाया और वीरभद्र सिंह ने उसमें विकास के रंग भरे हैं। इन दोनों की छाप लोगों के दिलों में है।
मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि बोर्ड लगाने से कोई याद नहीं रखता है। बोर्ड लोगों के दिलों में लगते हैं। उन्होंने कहा कि ऊना में सबसे लंबा पुल मैंने बनाया पर उस पर जयराम के नाम का बोर्ड लग गया है। मगर लोग तो यही कहते हैं कि ये पुल मुकेश अग्रिहोत्री ने बनाया है। उन्होंने भाजपापर तंज कसते हुए कहा कि आपको जनता ने बाहर बैठाया है तो बैठे रहो। पहले सरकार तोडऩे चले हम दोबार चालीस हो गए।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा