Uttar Pradesh

मझवां विधानसभा उप चुनाव में सपा पर फिर लगा चुनावी चोकर्स का ठप्पा

मझवां विधानसभा उप चुनाव में नव निर्वाचित शुचिस्मिता मौर्य

—हार का सिलसिला बरकरार,प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा बंटोगे तो कटोगे भारी पड़ा

वाराणसी,23 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मीरजापुर जनपद के मझवां विधानसभा उपचुनाव का शनिवार को परिणाम आते ही समाजवादी पार्टी पर फिर चुनावी चोकर्स का ठप्पा लग गया। भाजपा की प्रत्याशी सुचिस्मिता मौर्य ने 4922 वोटों से चुनाव जीत कर समाजवादी पार्टी को हार की प्रेतबाधा से उबरने नहीं दिया। मतगणना में सुचिस्मिता मौर्य को 77,737 वोट हासिल किए। सपा की डॉ. ज्योति बिंद को 72,815 वोट मिले,तीसरे स्थान पर बसपा के दीपक तिवारी को 34927 मत मिला। पूरे मतगणना के दौरान भाजपा की सुचिस्मिता मौर्य ने प्रारम्भ से आखिरी तक बढ़त बनाये रखा। सुचिस्मिता मौर्य इस सीट पर दूसरी बार जीती है। वह वर्ष 2017 में इस सीट ​को फतह हासिल कर चुकी है। इस सीट पर 1952 से अब तक सबसे अधिक आठ बार कांग्रेस, पांच बार बसपा और उपचुनाव तक तीन बार भाजपा जीत चुकी है। सपा यह सीट कभी जीत नहीं पाई है। उसके हार का सिलसिला उपचुनाव में भी नहीं टूटा। उपचुनाव में चुनाव प्रचार के दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की आक्रामक चुनावी रण​नीति खास कर भाजपा सांसद विनोद कुमार बिंद के कार्यालय पर मटन पार्टी में चले विवाद को उठाना भी काम नहीं आया।

दरअसल,उपचुनाव के दौरान भाजपा के भदोही सांसद विनोद कुमार बिंद के कार्यालय पर कार्यकर्ताओं के लिए मटन पार्टी रखी गई थी। पार्टी में पीस (बोटी) की जगह तरी (ग्रेवी) परोसने पर बवाल हो गया। इसके बाद कार्यकर्ताओं में जमकर लात-घूंसे और कुर्सियां चलीं। इसी को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर चुनावी रैली में तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि मुझे तो पता नहीं था यहां मटन युद्ध भी हुआ है, लेकिन यह इतिहास में दर्ज हो गया है।

चुनाव में इस विवाद को उठाने के पीछे अखिलेश यादव का सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लेकर सियासी लाभ उठाना था। लेकिन उनका यह चुनावी पैतरा लोकसभा चुनाव की तरह सफल नही हो पाया। चुनावी आतिशी पारी खेलने के बाद भी अखिलेश यादव और उनकी रणनीतिकारों की टीम को ‘लक’ ने साथ नहीं दिया। उपचुनाव के आखिरी वक्त में समाजवादी पार्टी मझवा के प्रेतबाधा से उबर नहीं पाई। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर सपा दूसरे स्थान पर ही रही। तब इस सीट से निषाद पार्टी के डॉ. विनोद बिंद जीते थे। डॉ. विनोद बिंद को चुनाव में 103,235 मत मिला था। दूसरे स्थान पर सपा के रोहित शुक्ला रहे। उन्हें 69,648 वोट मिला था। डॉ. विनोद बिंद के भदोही से सांसद बनने के बाद यह सीट रिक्त हुई । पूरे चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति और नारा बटोंगे तो कटोगे छाया रहा। इसका तोड़ समाजवादी पार्टी के रणनीतिकार नहीं निकाल पाए। भाजपा नेता और बीएचयू के उत्तरी निकाय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हेमंत सिंह ने कहा कि चुनाव में जहां भाजपा नेतृत्व की रणनीति और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्वीकार्यता काम में आई। वहीं, समाजवादी पार्टी का पिछला इतिहास और बिना मतलब का आक्रामक रणनीति ही उसे ले डूबा। खास बात यह रही कि उपचुनाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही चुनावी मोर्चे पर आक्रामक पारी खेलते रहे। हेमंत सिंह बताते हैं कि उपचुनाव का नतीजा आगामी विधानसभा का संकेत भी है।

-चुनाव में हार पर सपा ने फिर रोना राेया

मझवां विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी ने जनादेश को स्वीकार करने के बजाय भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया है। मिर्जापुर सपा के जिलाध्यक्ष देवी चौधरी ने उपचुनाव के दौरान पुलिस और प्रशासन पर पक्षपात करने के आरोप लगाए। उन्होंने भाजपा के लिए वोटिंग करवाने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान पुलिस ने एक महिला पत्रकार को पीटा। थाना प्रभारी से लेकर कांस्टेबल व प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी सब सक्रिय हो गए थे, हम लोकतांत्रिक तरीके से भाजपा को जवाब देंगे।

उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन के दम पर वोट डलवाया गया। भाजपा के लूट तन्त्र ने लोकतन्त्र को लूट लिया। यह जीत भाजपा की जीत नही, बल्कि लूट तन्त्र की जीत है। उन्होंने कहा कि आने वाले 2027 विधानसभा चुनाव में जनता इनको मुंहतोड़ जवाब देगी। उपचुनाव के दौरान जिलाध्यक्ष ने मझवां क्षेत्र के तीन थाना प्रभारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर इसकी शिकायत की थी। उन्होंने मतदान के पूर्व तीनों को हटाने की मांग की थी। उनका कहना था कि प्रचार वाहनों के लिए जारी किये गये अनुमति पत्र के बावजूद वाहनों को अनावश्यक जांच के नाम पर पुलिसकर्मियों द्वारा घंटों रोका जा रहा है।

थाना प्रभारियों द्वारा सपा समर्थक मतदाताओं पर भाजपा के पक्ष में प्रचार करने व मतदान करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इनकार करने पर झूठे मुकदमे में फंसा देने, जेल भिजवाने की धमकियां भी दी जा रही हैं। यहां आदर्श आचार संहित का खुला उल्लंघन हो रहा है। बताते चलें कि देवी प्रसाद चौधरी मिर्जापुर में सपा से दूसरी बार जिलाध्यक्ष बने हैं।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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