भोपाल, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । संयुक्त राष्ट्र के धारणीय विकास के लक्ष्यों को पाने के लिए चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा 22 से 24 नवंबर तक चौथे अंतरराष्ट्रीय सतत् विकास के लक्ष्य (एसडीजी) सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ शुक्रवार को दीनदयाल परिसर के विवेकानंद सभागार में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल और महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने भारतरत्न नानाजी देशमुख के चित्र पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलन कर गया।
इस अवसर पर तेलंगाना राज्य के विशेष मुख्य सचिव अरविंद कुमार, क्षेत्रीय सांसद गणेश सिंह, विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार,अटल विहारी बाजपेई सुशासन नीति विश्लेषण संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ लोकेश शर्मा, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. भरत मिश्रा, सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं निदेशक डॉ वी के जैन, चित्रकूट जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव, कोऑपरेटिव बैंक बाँदा-चित्रकूट के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल, डीआरआई की प्रबन्ध समिति सदस्य अनुजा ताई परचुरे, दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन एवं कोषाध्यक्ष वसंत पण्डित मौजूद रहे।
उद्घाटन समारोह में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने कहा कि देश तेजी के साथ विकास पथ पर अग्रसर है। आजादी की 100वीं वर्षगाँठ पर हम विश्व की पहली अर्थव्यवस्था बन जाएंगे और सम्पूर्ण विश्व का नेतृत्व करेंगें। अपनी संस्कृति एवं सभ्यता का संरक्षण एवं संवर्धन करना अति आवश्यक है, तभी विकास हमारे लिए वरदान बनेगा।
उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता के बगैर उन्नति का मार्ग नहीं निकलता। जहाँ चाह वहाँ राह, मजबूत इच्छाशक्ति से ही विकास का मार्ग प्रशस्त होता है। हम सभी का सामूहिक प्रयास देश को विश्व गुरु बनाने में सहभागी होगा। शासन द्वारा स्वच्छ एवं किफायती ऊर्जा तक पहुँच सुनिश्चित कराने के लिये किये जा रहे कार्यों का विस्तृत रोडमैप की जानकारी प्रदान की गई, 2030 तक ऊर्जा के कुल उपयोग के 50 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में सकारात्मक प्रयत्न किया जा रहा है।
मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख ने व्यक्तिगत जीवन की जगह सामाजिक जीवन को प्राथमिकता दी और अपना सम्पूर्ण जीवन समाज के लिए अर्पित कर दिया। मातृशक्ति का सम्मान एवं उनके सशक्तिकरण के लिये सामूहिक प्रयत्न हमारे जीवन का ध्येय बने। लैंगिक समानता के बिना कोई भी समाज सशक्त एवं समृद्ध नहीं हो सकता है। इसे हम सभी अपने जीवन मे अपनाएं एवं बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान प्रदान करें। ऊर्जा के लिए पवन की शक्ति, सूर्य की ऊर्जा, समुद्र की ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग कैसे कर सकते है इस पर विचार करें।
प्रारंभ में दीनदयाल शोध संस्थान के कोषाध्यक्ष एवं सेमिनार के संयोजक वसन्त पंडित ने कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय सेमिनार वैश्विक संपर्क बनाने और सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति को गति देने के प्रयास को जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में देश भर से 14 प्रमुख संस्थान सहभागी बने हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा वीडियो संदेश के माध्यम से कार्यक्रम में पधारे देश विदेश के सभी विद्युत जनों का अभिनन्दन करते हुए सेमिनार की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दी।
सेमिनार में एसडीजी 5- लैंगिक समानता और एसडीजी 7 -नवकरणीय ऊर्जा तथा ग्रामोदय से सर्वोदय के लक्ष्य की प्राप्ति में परिवार एक महत्वपूर्ण आधार है विषय पर विमर्श किया जाएगा। एसडीजी-5 के अन्तर्गत महिला समानता प्राप्त करना तथा सभी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना तथा एसडीजी -7 के अन्तर्गत स्वच्छ एवं किफायती ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करना है।
(Udaipur Kiran) तोमर