बोलपुर, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । बीरभूम में तृणमूल जिलाध्यक्ष अणुब्रत मंडल के जमानत पर रिहा हो कर लौटने के बाद से जहां उनके (अणुब्रत) समर्थकों में खुशी का माहौल है वहीं पार्टी के भीतर गुटबाजी की अफवाहें भी तेज हो गईं हैं। ऐसे में तृणमूल सांसद शताब्दी रॉय ने अणुब्रत मंडल के बारे में विवादित टिप्पणी की है जिससे तृणमूल के कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों में हलचल है।
गुरूवार को बोलपुर के शान्तिबाजार इलाके में पार्टी कार्यालय दखल करने को लेकर तृणमूल के दो गुटों में विवाद सामने आया था। शुक्रवार को सिउड़ी एक नंबर ब्लॉक के शक्तिपुर में एक कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान शताब्दी रॉय ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि क्या चंद्रनाथ दा और केष्टो दा दो अलग-अलग गुट के लोग हैं? मैं समझती हूं कि वे साथ मिलकर काम करते हैं।
इसके बाद उन्होंने कहा, “लेकिन उनके कुछ समर्थक केष्टो दा (अणुब्रत) के लौटने को लेकर काफी बेताब थे जबकि कुछ लोग खुश नहीं हैं। परिणामस्वरूप, हर जगह अराजकता की स्थिति पैदा हो रही है।”
बाद में शताब्दी रॉय ने कहा कि वह किसी विशेष गुटीय विवाद के बारे में बात नहीं करना चाहती। यह लोगों का व्यक्तिगत मामला है और हर समूह एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहता है।
तृणमूल के भीतर अणुब्रत मंडल की मौजूदगी में काजल शेख का प्रभाव बढ़ा। अणुव्रत की वापसी के बाद दोनों नेताओं के बीच संघर्ष शुरू हो गया। हालांकि, कोर कमेटी की बैठक में अणुव्रत और काजल शेख एक साथ मौजूद रहे, जिससे पार्टी की एकजुटता का संकेत मिला। इस बीच शताब्दी रॉय के इस टिप्पणी से पार्टी में चर्चा जोरों पर है।
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(Udaipur Kiran) / गंगा